IPS Sudhir Chaudhary: भारतीय सेना द्वारा हाल ही में सफलतापूर्वक अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद, देशभर में सुरक्षा बलों के समन्वित प्रयासों की सराहना हो रही है। इस अभियान में उल्लेखनीय सहयोग देने के लिए राजस्थान के जैसलमेर जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) सुधीर चौधरी को भारतीय सेना ने विशेष रूप से प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है। यह सम्मान सेना के जनरल उपेन्द्र द्विवेदी द्वारा प्रदान किया गया। सुधीर चौधरी ने ऑपरेशन के दौरान कुशल नेतृत्व और प्रशासनिक दक्षता का परिचय दिया, जिससे अभियान की सफलता सुनिश्चित हो सकी।
बता दें कि आईपीएस सुधीर चौधरी, 2015 बैच के राजस्थान कैडर के अधिकारी हैं और 16 फरवरी 2024 से जैसलमेर एसपी के रूप में तैनात हैं। वे राजस्थान के सीकर जिले के निवासी हैं। उन्होंने IIT रुड़की से बी.टेक की डिग्री हासिल की है और प्रारंभिक पढ़ाई श्रीमाधोपुर, बूंदी, जयपुर और कोटा से पूरी की। बीटेक के बाद उन्होंने एक निजी कंपनी में कार्य किया और फिर 2012 में मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस और 2013 में भारतीय वन सेवा (IFS) में चयनित हुए। लेकिन उनका सपना था भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में जाना, जिसे उन्होंने 2014 में सफलता के साथ पूरा किया।
पुलिस सेवा में रहते हुए सुधीर चौधरी ने कई हाई-प्रोफाइल मामलों में अपनी काबिलियत दिखाई। जोधपुर जेल में बंद आसाराम बापू केस में उनके समर्थकों द्वारा फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट लगाने के प्रयास का भंडाफोड़ करने में चौधरी की अहम भूमिका रही। इसके अलावा, 2023 में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को लॉरेंस बिश्नोई गैंग द्वारा जान से मारने की धमकी के केस में भी उनकी टीम ने जोधपुर से आरोपी की पहचान कराई और गिरफ्तारी करवाई। उन्होंने आईपी एड्रेस ट्रैकिंग जैसी तकनीकी सूझबूझ का उपयोग कर केस को मजबूत किया।
इतना ही नहीं, उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड में भी सुधीर चौधरी की रणनीतिक सक्रियता ने अपराधियों को चंद घंटों में गिरफ्तार करवा दिया। उन्होंने समय रहते नाकाबंदी करवाई, जिससे आरोपी न तो राज्य के बाहर जा सके और न ही देश से फरार हो पाए। जांच में उन्होंने पाकिस्तान से संबंधों के सबूत भी सामने रखे, जिसके चलते उन्हें पुलिस मुख्यालय द्वारा DGP डिस्क से सम्मानित किया गया।
सुधीर चौधरी के नेतृत्व और समर्पण ने उन्हें राजस्थान पुलिस में एक काबिल, प्रतिबद्ध और तकनीकी रूप से दक्ष आईपीएस अधिकारी के रूप में स्थापित किया है। ऑपरेशन सिंदूर में उनकी भूमिका इस बात का प्रमाण है कि भारतीय सुरक्षा तंत्र में अधिकारी किस तरह अपने व्यक्तिगत कौशल और राष्ट्रप्रेम से देश की रक्षा प्रणाली को मजबूती देते हैं।