Operation Sindoor: भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा। बीते 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। जिसका मुंहतोड़ जवाब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के रूप में दिया है।
दरअसल, बीते 22 अप्रैल को आतंकियों ने पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की धार्म पूछकर उन्हें निशाना बनाया था। कुछ मामलों में तो शादीशुदा जोड़ों को चुनकर पत्नियों के सामने उनके पतियों की हत्या कर दी गई। उन महिलाओं के सामने ही उनके ‘सिंदूर’ को मिटा दिया गया। यही इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम देने का कारण बना।
हमले में मारे गए 26 लोगों में से एक थे लेफ्टिनेंट विनय नरवाल। गुरुग्राम के रहने वाले विनय की शादी 16 अप्रैल को हिमांशी नरवाल से हुई थी, और वे हनीमून पर कश्मीर गए थे। आतंकियों ने विनय को उनकी पत्नी के सामने गोली मार दी। जयपुर की प्रियंका शर्मा भी इसी तरह के दर्द से गुज़रीं। उनके पति रोहित शर्मा की हमले में मौके पर ही मौत हो गई, जबकि प्रियंका गंभीर रूप से घायल हो गईं।
शिमला की अंजलि ठाकुर और पुणे की स्नेहा पाटिल की कहानियां भी उतनी ही दिल दहला देने वाली हैं। अंजलि के पति विवेक ठाकुर और स्नेहा के पति अमित पाटिल इस आतंकी हमले में शहीद हो गए। इन 26 शहीदों की शहादत का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने बुधवार तड़के 1:44 बजे पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर यानी पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। यह एक संयुक्त सैन्य कार्रवाई थी जिसमें भारतीय वायुसेना, नौसेना और थलसेना शामिल थीं। 1971 के युद्ध के बाद यह पहली बार हुआ है कि भारत की तीनों सेनाओं ने मिलकर इस तरह की कार्रवाई की।
ऑपरेशन में जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें लश्कर-ए-तैयबा का मुरिदके मुख्यालय और जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर गढ़ शामिल थे। दोनों ही संगठन भारत में मुंबई और पुलवामा जैसे कई आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं। ऑपरेशन के बाद भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर संदेश दिया, “Justice is served.” — यानी, इंसाफ हो गया। इस कार्रवाई के असर से पाकिस्तान इतना हिला कि उसने 48 घंटे के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया, जिससे स्पष्ट है कि भारत की कार्रवाई ने उसे गहरी चिंता में डाल दिया है।