Waqf Board: क्या आप जानते हैं कि भारतीय रेलवे के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा भूस्वामी कौन है? यह कोई और नहीं, बल्कि वक्फ बोर्ड है! पूरे भारत में वक्फ बोर्ड के पास करीब 9.4 लाख एकड़ जमीन और 8.7 लाख संपत्तियां हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा है।
8 अगस्त 2024 को केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill 2024) का ऐलान किया था, जिसे अब लोकसभा में पेश किया गया है। इस बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार, पारदर्शिता बढ़ाना और रिकॉर्ड-कीपिंग को डिजिटल बनाना है। बिल पर करीब 8 घंटे की बहस होगी और रात तक इस पर फैसला आ सकता है।
वक्फ बोर्ड भारतीय रेलवे और सशस्त्र बलों के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा जमीन मालिक है। पूरे भारत में इसकी 8.7 लाख प्रॉपर्टीज हैं, जिनमें से 3.5 लाख वक्फ एस्टेट के तौर पर पंजीकृत हैं। इनमें 872,328 अचल संपत्तियां (जमीन, इमारतें, मस्जिद, कब्रिस्तान आदि) और 16,713 चल संपत्तियां (वाहन, मशीनरी, उपकरण आदि) शामिल हैं।
साल 2006 में आई सच्चर समिति रिपोर्ट के मुताबिक, अगर वक्फ संपत्तियों का सही प्रबंधन किया जाए, तो इससे हर साल 12,000 करोड़ रुपये की कमाई हो सकती है! लेकिन फिलहाल, खराब प्रबंधन के कारण यह संपत्ति बेकार पड़ी है और इससे कोई खास इनकम जनरेट नहीं हो रही।
अगर राज्यों की बात करें, तो उत्तर प्रदेश (UP) में वक्फ बोर्ड की सबसे ज्यादा संपत्तियां हैं, जो देश की कुल वक्फ संपत्तियों का 27% है। यूपी में कुल 2,32,547 अचल संपत्तियां हैं। इसके बाद पंजाब और पश्चिम बंगाल में 9%, तमिलनाडु में 8%, कर्नाटक में 7%, और केरल, तेलंगाना, गुजरात में 5% वक्फ संपत्तियां हैं।
इस्लाम में वक्फ का अर्थ किसी संपत्ति को जन-कल्याण के लिए दान करना है। इसमें जमीन, खेत, मकान, दुकान ही नहीं, बल्कि चल संपत्तियां जैसे कूलर, टीवी, साइकिल तक शामिल हो सकते हैं। भारत में वक्फ संपत्तियां कानूनी रूप से संरक्षित हैं, लेकिन पारदर्शिता और प्रशासनिक सुधार की जरूरत को देखते हुए मोदी सरकार ने संसोधन करने का फैसला किया |
सितंबर 2024 में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अनुसार, वक्फ ट्रिब्यूनल में 40,951 मामले लंबित हैं। इनमें से 9,942 केस खुद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने वक्फ मैनेजमेंट संस्थाओं के खिलाफ दर्ज किए हैं। देरी से निपटान और ट्रिब्यूनल के फैसलों पर न्यायिक निगरानी न होने की वजह से वक्फ संपत्तियों को लेकर विवाद बढ़ रहे हैं।