Waqf Amendement Bill 2025: नरेंद्र मोदी सरकार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को संसद में पेश कर दिया है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने लोकसभा में इस विधेयक को चर्चा और पारित कराने के लिए रखा।
उन्होंने बताया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने पूर्व में वक्फ कानून में कई संशोधन किए, जिससे इसे अन्य कानूनों के ऊपर रख दिया गया। इस स्थिति को संतुलित करने और न्यायसंगत बनाने के लिए अब नए संशोधनों की आवश्यकता पड़ी।
इस विधेयक के तहत एक अहम प्रावधान किया गया है, जिसके अनुसार वक्फ बोर्ड अब 'शेड्यूल 5' और 'शेड्यूल 6' की जमीनों पर दावा नहीं कर सकेगा। झारखंड में बड़ी मात्रा में भूमि शेड्यूल 5 के अंतर्गत आती है, जिसका सीधा लाभ वहां के आदिवासी समुदाय को मिलेगा। बिल पारित होने के बाद झारखंड की आदिवासी जमीनों पर वक्फ बोर्ड का कोई कानूनी दावा नहीं रहेगा।
विपक्ष पर निशाना, गुमराह करने का आरोप
लोकसभा में चर्चा के दौरान किरेन रिजीजू ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वक्फ विधेयक को लेकर जनता को भ्रमित करने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने कई संपत्तियों को गैर-अधिसूचित कर दिल्ली वक्फ बोर्ड को सौंप दिया था, जिसमें संसद भवन तक शामिल था।
जेपीसी रिपोर्ट के आधार पर संशोधन को मंजूरी
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पिछले साल यह विधेयक पेश किए जाने के बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया था। समिति की रिपोर्ट के आधार पर कैबिनेट ने मूल विधेयक में आवश्यक बदलावों को मंजूरी दी।
वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का आकलन
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वक्फ बोर्ड के पास 8.72 लाख संपत्तियां हैं, जो लगभग 9.4 लाख एकड़ भूमि में फैली हुई हैं। इनकी अनुमानित कुल कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। वक्फ बोर्ड के अंतर्गत 3,56,051 वक्फ एस्टेट्स पंजीकृत हैं, जिनमें 8,72,328 स्थायी और 16,713 अस्थायी संपत्तियां शामिल हैं।
नए विधेयक से क्या बदलेगा?
इस विधेयक के पारित होने के बाद शेड्यूल 5 और शेड्यूल 6 की जमीनें वक्फ बोर्ड के दावों से सुरक्षित रहेंगी। खासकर झारखंड और अन्य आदिवासी बहुल इलाकों के समुदायों को इसका सीधा लाभ मिलेगा, जिससे उनकी भूमि पर बाहरी हस्तक्षेप नहीं हो सकेगा।