Supreme Court: वक्फ बोर्ड संशोधन कानून 2025 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अब तक 10 याचिकाएं दायर की गई हैं। सभी याचिकाओं में एक ही बात कही गई है कि यह मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता को छीनने की एक साजिश है। याचिकाओं में इस कानून को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं ने दायर याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की है।
अब तक सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान, एसोसिएशन फॉर द प्रोटैक्शन ऑफ सिविल राइट्स (APCR), जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, केरल की शीर्ष मुस्लिम बॉडी समस्थ केरल जमियथुल उलेमा, एसडीपीआई, तैय्यब खान सलमानी, अंजुम कादरी और इंडियन मुस्लिम लीग ने याचिकाएं दायर की हैं।
सोमवार (7 अप्रैल, 2025) को राज्यसभा सांसद और सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में जल्द सुनवाई का अनुरोध किया है, जिस पर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने भी सुनवाई का आश्वासन दिया है। एडवोकेट कपिल सिब्बल याचिकाकर्ता जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से कोर्ट में पेश हुए थे। उन्होंने कहा, 'हम वक्फ कानून में किए गए संशोधनों का विरोध करते हैं और जल्द सुनवाई की मांग करते हैं।' चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि जल्द सुनवाई के अनुरोध को लेकर पहले ही व्यवस्था बनी हुई है। आपको यहां इसे रखने की कोई जरूरत नहीं थी। सीजेआई ने कहा, 'मैं दोपहर को इन अनुरोधों को देखूंगा और मामले की सुनवाई पर फैसला लूंगा।'
आपको बता दें कि कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को वक्फ बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जावेद बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद हैं और लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक हैं। इसके अलावा वो वक्फ संशोधन विधेयक की समीक्षा करने वाली संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य भी थे।