DESK : देशभर में वक्फ बोर्ड की मनमानियों के खिलाफ लोगों के विरोध के बीच नायडू ने बड़ा कदम उठाते हुए वक्फ बोर्ड को भंग करने के लिए आदेश जारी किया है। इसको लेकर सरकार ने जीओ 75 जारी किया है। इसके तहत सरकार ने शनिवार को वक्फ बोर्ड के गठन पर अपने पहले के आदेश को वापस लेते हुए जीओ 75 जारी किया है।
सरकार ने जीओ में कहा है कि बोर्ड के अध्यक्ष के चुनाव पर रोक के बाद बोर्ड के लंबे समय तक काम नहीं करने को देखते इसे भंग करने का फैसला किया गया है। आदेश में कहा गया है कि वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने इस मुद्दे को सरकार के ध्यान में लाया और मुकदमे को सुलझाने और प्रशासनिक शून्यता को रोकने के लिए निर्णय लिया गया।
21 अक्टूबर, 2023 को शेख खाजा, मुतवल्ली, विधायक हफीज खान और एमएलसी रूहुल्लाह को सदस्य के रूप में चुना गया, जबकि आठ अन्य को वक्फ बोर्ड के सदस्य के रूप में नामित किया गया। हालांकि, शेख खाजा के चुनाव और वक्फ बोर्ड के गठन के लिए जारी किए गए जीओ 47 की वैधता को कई रिट याचिकाओं में उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई थी।
इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के चुनाव पर रोक लगा दिया। इसके साथ ही अदालत ने फैसला सुनाया था कि सदस्य का चुनाव रिट याचिकाओं के अंतिम परिणाम के अधीन होगा। याचिकाओं के लंबित रहने तक वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के बिना ही रहा। इस प्रशासनिक शून्यता को देखते हुए सरकार ने वक्फ बोर्ड को भंग करने का फैसला किया।