Violence in Nepal: शनिवार को नेपाल के वीरगंज में हनुमान जयंती के अवसर पर निकाले गए शोभायात्रा जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हो गई, जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए। इस दौरान पथराव, तोड़फोड़, आगजनी और हिंसक झड़पें हुईं। उपद्रवियों ने कई वाहनों और दुकानों में आग लगा दी।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। इस हिंसा में एसपी और डीएसपी समेत कुल 25 पुलिसकर्मी और 15 प्रदर्शनकारी घायल हो गए है। घायलों का इलाज वीरगंज के नारायणी अस्पताल में चल रहा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वीरगंज में कर्फ्यू लगा दिया गया है। पहले दोपहर 12 बजे तक कर्फ्यू था, लेकिन अब इसे रात 12 बजे तक बढ़ा दिया गया है।
परसा के डीएम गणेश आर्याल के नेतृत्व में हुई सर्वदलीय बैठक और सुरक्षा समिति की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि केवल आवश्यक सेवाओं में लगे व्यक्तियों और वाहनों को वैध पहचान पत्र व अनुमति पत्र के साथ आने-जाने की अनुमति होगी। घटना के बाद नेपाल सेना और नेपाल आर्म्ड पुलिस फोर्स के जवानों को शहर के विभिन्न हिस्सों में तैनात कर दिया गया है।
सड़कों पर लगातार गश्त की जा रही है और कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इसका असर भारत-नेपाल सीमा पर भी देखा गया है। छपकैया में झड़प के बाद रक्सौल बॉर्डर स्थित मैत्री पुल पर एसएसबी को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
सीमा पर तैनात एसएसबी की 47 बटालियन को अलर्ट कर दिया गया है और सीमा से सटे इलाकों में पुलिस गश्त तेज कर दी गई है। संदिग्ध लोगों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है। हालात को देखते हुए बॉर्डर इलाके में भी सघन पुलिस गश्त की जा रही है। भारत की ओर से एसएसबी और पुलिस पूरी सतर्कता बरत रही है। कर्फ्यू और सीमा सील होने के कारण कई यात्री फंसे हुए हैं।