Vijay Mallya : भारत से फरार शराब कारोबारी विजय माल्या को एक बार फिर ब्रिटेन की अदालत से बड़ा झटका लगा है। लंदन हाई कोर्ट ने उनकी दिवालियापन संबंधी अपील को खारिज करते हुए भारतीय बैंकों द्वारा दायर याचिका को वैध ठहराया है। इस फैसले से बैंकों को माल्या की संपत्तियों पर कानूनी दावा करने की मंजूरी मिल गई है।
यह मामला किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़ा हुआ है, जिसे विजय माल्या संचालित कर रहे थे और अब बंद हो चुकी है। माल्या ने बैंकों से लिए गए कर्ज पर व्यक्तिगत गारंटी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की अगुवाई में 13 बैंकों के समूह ने लंदन में दिवालियापन याचिका दाखिल की थी, जिसमें दावा किया गया था कि माल्या 1.12 अरब पाउंड का बकाया चुका नहीं पाए हैं।
कोर्ट ने ठुकराईं माल्या की दोनों अपीलें
लंदन हाई कोर्ट के जज एंथनी मान ने 69 वर्षीय माल्या की दोनों अपीलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि बैंकों की तरफ से पेश किए गए तर्क मजबूत और वैध हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दिवालियापन का आदेश पूर्ववत रहेगा और बैंकों की कार्यवाही उचित थी।
बैंकों को संपत्तियों पर मिलेगा नियंत्रण
बैंकों की ओर से प्रतिनिधित्व कर रही कानूनी फर्म TLT LLP ने कहा कि यह निर्णय साबित करता है कि विजय माल्या की संपत्तियों पर कोई वैध सुरक्षा नहीं थी। इसके अलावा, प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जब्त की गई संपत्तियां भी बकाया कर्ज से मुक्ति नहीं दिला सकतीं।
क्या होगा अगला कदम
भारतीय ऋण वसूली न्यायाधिकरण (DRT) पहले ही 2017 में माल्या से 1.12 अरब पाउंड की वसूली का आदेश दे चुका है। अब ब्रिटेन की अदालत के ताजा फैसले के बाद बैंकों के लिए उस आदेश को लागू करवाना आसान हो गया है। इससे माल्या की ब्रिटेन में मौजूद संपत्तियों की जब्ती और नीलामी की प्रक्रिया तेज हो सकती है।