Tukaram Omble: मुंबई हमलों के दौरान अपनी जान की बाजी लगाकर आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ने वाले शहीद पुलिसकर्मी तुकाराम ओंबले के सम्मान में महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार उनके सम्मान में सतारा जिले के मौजे केडंबे गांव में एक भव्य स्मारक बनाने जा रही है, जिसके लिए 13.46 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। इससे पहले केंद्र सरकार ने तुकाराम ओम्बले को अशोक चक्र से सम्मानित किया था।
स्मारक का निर्माण महाराष्ट्र के सतारा में स्थित तुकाराम ओम्बले के पैतृक गांव केदंबे में होगा। जिसके लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा 13.46 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं। जिसकी पहली किश्त 2.70 करोड़ रुपये यानी 20% शुक्रवार को जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दी गयी है। आपको बता दें कि तुकाराम ओम्बले एक बहादुर पुलिसकर्मी थे, जो मुंबई पुलिस में सहायक उप-निरीक्षक यानी ASI के पद पर कार्यरत थे। उनका जन्म महाराष्ट्र के सातारा जिले के एक छोटे से गांव केदाम्बे में हुआ था। वे पहले भारतीय सेना में थे और बाद में 1991 में मुंबई पुलिस में शामिल हुए।
तुकाराम ओम्बले की वजह से कसाब जैसा खूंखार आतंकी सुरक्षा एजेंसियां जिंदा पकड़ पाई। तुकाराम ओम्बले को 26/11 मुंबई हमले में उनकी वीरता के लिए याद किया जाता है। उस रात, जब आतंकवादी अजमल कसाब और उसका साथी एक कार में भाग रहे थे, तब तुकाराम अपनी टीम के साथ चौपाटी पर तैनात थे। तुकाराम ओम्बले के पास कोई हथियार नहीं था। वो केवल एक लाठी लेकर ड्यूटी कर रहे थे। जब कसाब ने आत्मसमर्पण का नाटक किया और फिर अचानक गोलीबारी शुरू की तो तुकाराम ने उसे पकड़ लिया। उन्होंने कसाब की बंदूक की नली को पकड़कर उसे रोक दिया, जिससे उनकी टीम उसे जिंदा पकड़ सकी। इस दौरान कसाब ने उन पर कई गोलियां चलाईं, और तुकाराम शहीद हो गए। उनकी इस बहादुरी के लिए भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया।