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Traffic News: हेमलेट नहीं पहना पड़ गया काफी महंगा, पांच सौ की जगह कट गया 10 लाख का चालान; पूरी बात जानकर हैरान रह जाएंगे

Traffic News: सड़क पर बाइक या स्कूटी चलाने से पहले हेलमेट पहनना न केवल हमारी सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि यह हमें चालान से भी बचाता है,  लेकिन कभी ऐसा भी होता है कि कानून हमें सिखाते-सिखाते खुद गलती कर बैठता है, और ऐसा ही एक दिलचस्प मामला गुजरात से सामने आया, जहां हेलमेट न पहनने पर 500 रुपये का चालान अचानक 10 लाख रुपये का हो गया, जिसे लेकर लोग हैरान हैं।

यह घटना अहमदाबाद के वस्त्राल इलाके में रहने वाले एक लॉ के छात्र, अनिल हाडिया के साथ हुई। उन्हें यह जानकर झटका लगा कि उनके 500 रुपये के चालान की राशि कोर्ट की वेबसाइट पर 10,00,500 रुपये दिखने लगी। रिपोर्ट के अनुसार, अनिल हाडिया पिछले साल अप्रैल में शांतीपुरा सर्कल में बाइक चला रहे थे, जहां ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें हेलमेट न पहनने पर रोका और 500 रुपये का चालान काट दिया। पुलिस ने उस वक्त उनकी फोटो और लाइसेंस नंबर ले लिया और उन्हें ऑनलाइन चालान भरने का निर्देश दिया, लेकिन अनिल ने कुछ दिनों बाद इसे भूलकर छोड़ दिया।

कैसे हुआ 10 लाख रुपये का चालान?

कई महीनों बाद जब अनिल अपने बाइक से संबंधित कुछ काम के लिए आरटीओ गए, तो उन्हें पता चला कि उनके नाम पर चार चालान हैं। तीन चालान तो सामान्य थे और उन्हें ऑनलाइन भरा जा सकता था, लेकिन चौथा चालान देखकर उनकी सांसें थम गई, क्योंकि वह 10 लाख रुपये से ज्यादा का था। इस बात को जानकर अनिल के होश उड़ गए। इसके बाद उन्हें ओढव पुलिस से कोर्ट का समन भी मिला। अनिल ने मीडिया से कहा, "मैं चौथे सेमेस्टर का कानून का छात्र हूं और मेरे पिता एक छोटे व्यापारी हैं, अगर कोर्ट ने मुझसे 10 लाख रुपये भरने को कहा, तो मैं इसे कैसे भरूंगा?"

पुलिस की गलती और समाधान

इस मामले की जांच करने पर यह पता चला कि अनिल पर मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 194D के तहत चालान दर्ज हुआ था, जिसमें गाड़ी का वजन निर्धारित सीमा से ज्यादा बताया गया था, जबकि असल में यह हेलमेट न पहनने का मामला था। ट्रैफिक पुलिस के संयुक्त आयुक्त एन. एन. चौधरी ने इस गलती को स्वीकार करते हुए कहा कि वे कोर्ट को सूचित करेंगे और इस त्रुटि को ठीक किया जाएगा। हालांकि, इस गलती के स्तर का अभी तक कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया जा सका है।

यह घटना न केवल पुलिस की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कभी-कभी सिस्टम में छोटी सी गलती भी बड़े परिणामों का कारण बन सकती है।