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कैश फॉर क्वेरी मामला: TMC सांसद महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द, लोकसभा से पास हुआ प्रस्ताव

DELHI: इस वक्त की बड़ी खबर संसद के शीतकालीन सत्र से निकलकर सामने आ रही है। पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में लोकसभा स्पीकर ने टीएमसी सासंद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता को रद्द कर दिया है। महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को लोकसभा ने स्वीकार कर लिया है।

दरअसल, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया था कि लोकसभा में बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी की ओर से सवाल पूछने के लिए महुआ उनसे पैसे लेती हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि कि महुआ जानबूझ कर पैसे के बदले अडानी ग्रुप और पीएम मोदी को निशाना बनाती हैं। बीजेपी सांसद की शिकायत पर लोकसभा की एथिक्स कमेटी इस पूरे मामले की जांच की। एथिक्स कमेटी ने शुक्रवार को शीतकालीन सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट सदन में रखा।

एथिक्स कमेटी ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों को सही बताया और उनकी सदस्यता रद्द करने की शिफारिश लोकसभा स्पीकर से की। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर सदन में चर्चा कराई गई। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद वोटिंग कराई गई।महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा की एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर लोकसभा में चर्चा का टीएमसी ने कड़ा विरोध किया। टीएमसी सांसदों ने कहा कि संविधान का उल्लंघन हो रहा है, महुआ मोइत्रा को बोलने का मौका मिलना चाहिए था। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने महुआ मोइत्रा को एथिक्स कमेटी की सिफारिश पर सदन में बोलने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि महुआ को पैनल मीटिंग में पक्ष रखने का मौका मिला था।

विपक्ष के सांसदों ने इस दौरान वॉकआउट कर दिया। महुआ मोइत्रा  के समर्थन में तमाम विपक्षी सांसद सांसद भवन के बाहर आ गए, जिसमें कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल थीं। वोटिंग के बाद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को लोकसभा ने स्वीकार कर लिया और उनकी सदस्यता को रद्द कर की गई। स्पीकर ओम बिरला ने  लोकसभा की कार्यवाही सोमवार 11 दिसंबर की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।