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Jharkhand News: हाईकोर्ट कैंपस में अधिवक्ता की अचानक हुई मौत, सीपीआर देने के बाद भी नहीं बची जान

झारखंड हाईकोर्ट कैंपस में मंगलवार को एक ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण वाकया घटित हुआ, जिसे सुनकर सभी हैरान रह गए। सामान्य दिन की तरह अपने केस की पैरवी करने आए अधिवक्ता सूरज कुमार कोर्ट रूम से निकलते ही अचानक मूर्छित हो गए। घटनास्थल पर मौजूद एक चिकित्सक ने फौरन सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) दी, लेकिन निराशाजनक प्रयास के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।

मामले की सुनवाई के बाद अधिवक्ता सूरज कुमार कोर्ट रूम से बाहर निकलते ही अचानक गिर पड़े। उसी समय, इत्तेफाक से मौजूद एक चिकित्सक, जो अपने केस के सिलसिले में हाईकोर्ट कैंपस में उपस्थित थे, ने तुरंत सीपीआर देने की कोशिश की। हालांकि, स्थिति गंभीर होने के कारण उन्हें महज एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित पारस अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने हर संभव प्रयास किया, परंतु सूरज कुमार की जान बचाई नहीं जा सकी।

न्यायिक समुदाय की प्रतिक्रिया

दिवंगत अधिवक्ता सूरज कुमार के आकस्मिक निधन की खबर सुनते ही झारखंड के वरिष्ठ न्यायाधीश और अधिवक्ता, जिनमें जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय, जस्टिस अरुण कुमार राय, महाधिवक्ता राजीव रंजन, अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार, वरिष्ठ अधिवक्ता धीरज कुमार, नवीन कुमार, अशोक कुमार और राम सुभग सिंह समेत कई नामवर हस्ती शामिल हैं, तुरंत पारस हॉस्टिल पहुँचे। इनके साथ अन्य कई अधिवक्ता भी उपस्थित होकर दिवंगत सूरज कुमार को श्रद्धांजलि देने जुट गए।

व्यक्तिगत विवरण और शोक की लहर

अधिवक्ता सूरज कुमार अपने मधुर स्वभाव, मृदुभाषिता और मिलनसार व्यवहार के लिए जाने जाते थे। उनके असमय निधन से न केवल उनके सहयोगियों और मित्रों में बल्कि पूरे न्यायिक समुदाय में गहरा शोक व्याप्त हो गया है। दिवंगत अधिवक्ता ने अपने पीछे पत्नी और दो पुत्र छोड़ गए हैं, जिनमें से एक 11वीं कक्षा और दूसरा 8वीं कक्षा का छात्र है।

इस दुखद घटना ने न केवल हाईकोर्ट कैंपस में, बल्कि राज्य के न्यायिक तंत्र में भी एक गहरा आघात पहुंचाया है। श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आज पूरे कैंपस में तांता लगाया गया है और न्यायिक समुदाय मिलकर उनके परिजनों को सांत्वना प्रदान करने का प्रयास कर रहा है।