Shibu Soren: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। लंबी बीमारी के बाद उन्होंने सोमवार, 4 अगस्त को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके बेटे और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उनके निधन की पुष्टि की। शिबू सोरेन को जून के अंतिम सप्ताह में किडनी संबंधी समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था और वह एक महीने से अधिक समय से वेंटिलेटर पर थे।
‘दिशोम गुरु’ के नाम से मशहूर शिबू सोरेन झारखंड आंदोलन के प्रमुख नेता थे। उन्होंने 1972 में JMM की स्थापना की और 2000 में झारखंड को बिहार से अलग राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे, 2005 में 10 दिन, 2008-09, और 2009-10 में। इसके अलावा वह केंद्र में कोयला मंत्री और दुमका से सात बार लोकसभा सांसद रहे। उनकी राजनीतिक यात्रा ने आदिवासी समुदाय के हितों और झारखंड की पहचान को मजबूत करने में अहम योगदान दिया था।
शिबू सोरेन का जीवन विवादों से भी घिरा रहा। 1994 में उनके निजी सचिव शशि नाथ झा की हत्या के मामले में उन्हें 2006 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, लेकिन 2007 में दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। 1975 के चिरुडिह मामले में भी उन पर 10 लोगों की हत्या का आरोप लगा, लेकिन 2008 में वह इस मामले में भी बरी हो गए। इन विवादों के बावजूद उन्होंने JMM को मजबूत बनाए रखा और अपने बेटे हेमंत को पार्टी की कमान सौंपी।
उनके निधन से झारखंड की राजनीति में शून्यता आ गई है। हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी रूपी किस्कु, बेटे बसंत सोरेन, बेटी अंजलि सोरेन और बहू सीता सोरेन (अब BJP में) उनके परिवार में हैं। शिबू सोरेन के योगदान को याद करते हुए कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। उनके निधन से आदिवासी समुदाय और JMM कार्यकर्ताओं में शोक की लहर है।