DESK: हरियाणा के नूंह जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पारिवारिक रिश्तों की सीमाओं और सामाजिक मूल्यों को झकझोर कर रख दिया है। यहां एक युवक ने अपनी सौतेली मां से शादी कर ली, जिससे उसके पिता न केवल आहत हैं, बल्कि अब थाने का चक्कर काट रहे हैं। इंसाफ के लिए दर-दर भटक रहे हैं। पीड़ित पिता का कहना है कि जिसे पत्नी माना उसे बेटा लेकर फरार हो गया। भला सौतेली मां से भी कोई शादी करता है।
इस तरह की बातें इलाके में हो रही है। इस मामले के सामने आने के बाद लोग भी हैरान है. पूरे इलाके में इस मामले की चर्चा खूब हो रही है। इस घटना में और भी चौंकाने वाली बात यह है कि युवक और उसकी सौतेली मां दोनों घर से जेवरात और नकदी लेकर फरार हो गए, और इसके बाद कोर्ट मैरिज कर ली।
दरअसल हरियाणा के नूंह जिले के एक गांव में रहने वाले एक व्यक्ति की पहली पत्नी की कुछ साल पहले मृत्यु हो गई थी। इसके बाद उसने दूसरी शादी की और अपने पहले विवाह से हुए नाबालिग बेटे के साथ नई पत्नी के साथ रहने लगा।काफी समय तक सबकुछ सामान्य रहा, लेकिन धीरे-धीरे पिता के बेटे और उसकी सौतेली मां के बीच संबंध बदलने लगे। कथित तौर पर दोनों के बीच नज़दीकियां बढ़ीं, और अचानक एक दिन दोनों घर से भाग गए।भागते समय वे करीब ₹30,000 नकद, गहने और अन्य कीमती सामान भी साथ ले गए। बाद में यह बात सामने आई कि दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली है।
पिता ने जब यह सब देखा तो वह स्तब्ध रह गया और फौरन स्थानीय पुलिस स्टेशन पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि जिस महिला को मैंने पत्नी बनाया, वही अब मेरे बेटे के साथ भाग गई है। बेटा पहले उसके पैर छूता था, अब पता नहीं कब दोनों के बीच प्रेम संबंध बन गया। शिकायत में उन्होंने यह भी दावा किया कि उनका बेटा अब भी नाबालिग है, इसलिए यह शादी कानूनन अवैध है। हालांकि, पुलिस ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा है कि युवक और महिला दोनों ने कोर्ट में अपने बालिग होने के वैध दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं, और उन्होंने कानूनी रूप से विवाह किया है।
इस पूरी घटना ने सिर्फ एक परिवार को नहीं, बल्कि स्थानीय समाज को भी असमंजस में डाल दिया है। गांव और क्षेत्र में इस रिश्ते को लेकर मज़बूत सामाजिक अस्वीकृति देखी जा रही है। वहीं, पुलिस फिलहाल पूरे मामले की जांच कर रही है। चोरी के आरोप, दस्तावेजों की वैधता और रिश्ते की कानूनी स्थिति को ध्यान में रखकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
भारतीय कानून के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति बालिग है (18 वर्ष या उससे अधिक उम्र का है) और मानसिक रूप से सक्षम है, तो वह अपनी इच्छा से विवाह कर सकता है। हालांकि, सामाजिक और नैतिक दृष्टिकोण से सौतेले रिश्तों में विवाह को समाज स्वीकार नहीं करता, लेकिन कानूनी रूप से यह गलत नहीं है, जब तक कि वह किसी प्रतिबंधित श्रेणी में न आता हो और विवाह हिंदू मैरिज एक्ट के तहत वैध हो जाता है।