RAJASTHAN: राजस्थान के प्रसिद्ध श्री सांवलिया सेठ मंदिर में शनिवार को आस्था की एक अनोखी मिसाल देखने को मिली। डूंगला के व्यवसायी मांगीलाल जारोली और उनके परिवार ने अपनी मन्नत पूरी होने पर भगवान सांवलिया सेठ को 10 किलो चांदी से निर्मित पेट्रोल पंप भेंट किया। इस अभूतपूर्व चढ़ावे के साथ भव्य जुलूस,भक्ति संगीत और 56 भोग का आयोजन भी किया गया..जो भक्तों के बीच आकर्षण और चर्चा का विषय बन गया।
मांगीलाल जारोली और उनके बेटे कुशल व सुशील कुमार ने कुछ साल पहले भगवान सांवलिया सेठ के दरबार में पेट्रोल पंप की अनुमति को लेकर मन्नत मांगी थी। उन्होंने प्रार्थना की थी कि यदि उन्हें सरकारी स्वीकृति मिलती है,तो वे भगवान को विशेष चढ़ावा चढ़ाएंगे। कई प्रशासनिक अड़चनों और लंबी प्रतीक्षा के बाद जब उनकी मनोकामना पूरी हो गयी तब उन्होंने आभार व्यक्त करने के लिए चांदी से बना एक पेट्रोल पंप तैयार करवाया और मंदिर को समर्पित किया।
श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब
शनिवार को डूंगला से सांवलिया सेठ मंदिर तक एक शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। ढोल-नगाड़ों और भक्ति गीतों पर नाचते-गाते श्रद्धालुओं के साथ यह जुलूस आसावरामताजी रोड से शुरू होकर मंदिर तक पहुंचा। वहां भगवान को राजभोग आरती के साथ 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग अर्पित किया गया और फिर चांदी का पेट्रोल पंप उनके चरणों में समर्पित किया गया।
सांवलिया सेठ मंदिर: भक्ति और चढ़ावे का प्रतीक
चित्तौड़गढ़ ज़िले के मंडफिया गाँव में स्थित श्री सांवलिया सेठ का यह मंदिर राजस्थान,गुजरात और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। ऐसी मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई सभी मनोकामनाएं यहां पूरी होती है। अपनी इच्छाएं पूरी होने पर श्रद्धालु यहां अनोखे चढ़ावे चढ़ाते हैं।जिनमें सोने-चांदी के हवाई जहाज़,डंपर,क्रिकेट बैट और अब पेट्रोल पंप भी शामिल हो चुका है।
मंदिर में सालाना करोड़ों का चढ़ावा
मंदिर समिति के अनुसार,हाल ही में मंदिर के भंडार से ₹29 करोड़ से अधिक की भक्ति राशि प्राप्त हुई है, जिसमें 142 किलो चांदी और 994 ग्राम सोना शामिल है। यह इस बात का प्रतीक है कि भक्तगण केवल भावनात्मक रूप से ही नहीं, बल्कि आर्थिक रूप से भी योगदान करते हैं। मांगीलाल जारोली ने पत्रकारों को बताया कि हमारे परिवार के लिए यह सिर्फ एक व्यवसाय नहीं था,यह भगवान की कृपा से मिला अवसर था। जब हमारे बेटे कुशल और सुशील को पेट्रोल पंप की अनुमति मिली,तो हमने ठान लिया था कि हम आभार स्वरूप कुछ विशेष चढ़ाएंगे। चांदी का पेट्रोल पंप उसी भावना का प्रतीक है।