वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश होते ही विपक्षी सांसदों ने सरकार पर असहमति नोट को सेंसर करने का आरोप लगाते हुए विरोध करना शुरू कर दिया। कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने रिपोर्ट को 'फर्जी' करार देते हुए इसे दोबारा जेपीसी को भेजने की मांग की। हंगामा बढ़ता देख सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही रात 11:20 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। भाजपा सांसद जेपी नड्डा ने विपक्ष को सलाह दी कि सदन की परंपरा का ध्यान रखा जाना चाहिए। हालांकि, इसके बावजूद जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा।
लोकसभा में भी माहौल गरम रहा। अडानी ग्रुप से जुड़ी एक खबर को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सदन में जमकर विरोध किया। हंगामे के चलते कार्यवाही महज 5 मिनट बाद ही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल जारी रखने की कोशिश की और जल शक्ति मंत्रालय से जुड़े कुछ सवाल भी पूछे गए, लेकिन शोरगुल के बीच कोई ठोस चर्चा नहीं हो सकी।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, "आप प्रश्नकाल के दौरान सुनियोजित गतिरोध पैदा कर रहे हैं, यह अच्छी परंपरा नहीं है। कांग्रेस ने इतने सालों तक शासन किया है, फिर भी व्यवधान पैदा किए जा रहे हैं।" हालांकि, उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ और विपक्ष का विरोध जारी रहा।
डीएमके सांसद मोहम्मद अब्दुल्ला ने कहा, "हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। जेपीसी रिपोर्ट से हमारे असहमति नोट हटा दिए गए।" वहीं, सीपीआई सांसद पी. संदोष कुमार ने बीजेपी पर बड़ा हमला करते हुए कहा, "यह बीजेपी द्वारा बनाई गई समिति है। इसे जेपीसी की परंपरा का अपमान करने के लिए बनाया गया था। सारी कार्यवाही एकतरफा थी। हम इसका विरोध करेंगे!"
वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी रिपोर्ट को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच टकराव जारी है। विपक्ष का आरोप है कि रिपोर्ट से उनकी असहमति को जबरन हटाया गया। वहीं, बीजेपी का कहना है कि बिल पूरी पारदर्शिता के साथ तैयार किया गया है।