Virat Kohli: बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर बुधवार को आरसीबी (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर) की जीत के जश्न के दौरान मची भगदड़ में 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए। भीड़ इतनी अधिक थी कि कई लोग दब गए, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली ने इस हादसे पर सोशल मीडिया के माध्यम से दुख व्यक्त किया। उन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा है, कि इस घटना के बाद मैं पूरी तरह टूट गया हूं। मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं। यह बेहद दुखद और दिल दहला देने वाली घटना है।
RCB ने भी इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने एक आधिकारिक बयान में कहा,"हम उन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बेहद दुखी हैं जो आज बेंगलुरु में लोगों की भारी भीड़ के कारण हुईं। सभी की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। हम मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हैं। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए, हमने तुरंत अपने कार्यक्रम में बदलाव किया और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन किया।"
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घटना को "अप्रत्याशित और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण" बताया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार और क्रिकेट संघ दोनों ने इस आयोजन की योजना बनाई थी, लेकिन किसी को भी इतने बड़े पैमाने पर भीड़ की उम्मीद नहीं थी।
सीएम ने यह भी बताया कि स्टेडियम की क्षमता लगभग 35,000 थी, लेकिन बाहर करीब 3 से 4 लाख लोग जमा हो गए थे। लोग छोटे-छोटे गेट्स से जबरन अंदर घुसने लगे, गेट तोड़ दिए गए और इसी दौरान भगदड़ मच गई। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घोषणा की कि मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी और घायलों का मुफ्त इलाज सरकारी अस्पतालों में किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर "फ्री पास" और "विक्ट्री परेड" की अफवाहों ने भी भीड़ बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई। जबकि ट्रैफिक पुलिस ने पहले ही ट्वीट कर स्पष्ट किया था कि कोई परेड नहीं होगी। इसके बावजूद लोगों की भारी भीड़ स्टेडियम के बाहर जमा हो गई।
इस घटना के बाद यह सवाल भी उठ रहा है कि इतने बड़े आयोजन के लिए प्रशासन और आयोजकों ने पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम क्यों नहीं किए? क्या भीड़ नियंत्रण की योजना पहले से बनाई गई थी? क्या सोशल मीडिया पर चल रही गलत जानकारी को समय रहते रोकने की कोई व्यवस्था की गई थी?