DELHI: देशभर के ढाबों, रेस्तरां और होटलों में मिलने वाले खाद्य पदार्थों की मूल्य, मात्रा और गुणवत्ता को लेकर कानून बनाने की मांग भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद रवि किशन ने संसद में की है। उन्होंने कहा कि इन जगहों पर खाने-पीने की चीजों के रेट और साइज में भारी अंतर देखने को मिलता है, जिसे लेकर कोई मानक तय नहीं है।
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान रवि किशन ने मुंबई के वड़ा पाव और दिल्ली के चांदनी चौक और गोरखपुर के समोसा का जिक्र करते हुए कहा कि अलग-अलग जगहों पर इसका साइज और रेट अलग है। ढाबा से लेकर फाइव स्टार होटल तक खाद्य पदार्थों के लिए केंद्र सरकार को नियम और कानून बनाना चाहिए।
रवि किशन ने कहा कि कहीं समोसा छोटा मिलता है, कहीं बड़ा। वड़ा पाव स्ट्रीट वेंडर से लो तो एक रेट, होटल में लो तो दूसरा रेट। किसी जगह दाल तड़का 100 रुपये में मिलती है, तो कहीं 400 रुपये में। इस पर कोई नियम नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत एक जनसंख्या वाला देश है, जहां लाखों लोग हर दिन ढाबों और होटलों में खाना खाते हैं। इतना बड़ा बाजार, जिसमें करोड़ों ग्राहक हैं, वो बिना किसी रूल्स और रेगुलेशन के चल रहा है।
उन्होंने यह सुझाव दिया कि सरकार को चाहिए कि वह छोटे ढाबों से लेकर फाइव स्टार होटलों तक, सभी खान-पान स्थानों पर मिलने वाले खाद्य पदार्थों के दाम, मात्रा और गुणवत्ता को लेकर मानक तय करे और कानून बनाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते 11 वर्षों में कई क्षेत्रों में युगांतकारी परिवर्तन किए हैं, लेकिन यह क्षेत्र अब भी अछूता है। देशवासियों को उचित मूल्य पर, सही मात्रा में, गुणवत्तायुक्त भोजन मिलना चाहिए।
रवि किशन ने संसद में बड़ा मुद्दा उठाया है।
— Priya singh (@priyarajputlive) July 31, 2025
इनका कहना है कि समोसे का दाम बढ़ता जा रहा है हर जगह इसकी कीमत अलग है।
कही छोट समोसा मिलला..कहीं बड़ा समोसा मिलला या क्या तरीका है। सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिए। pic.twitter.com/FVYtwEvqtS