DESK: मध्य प्रदेश का शहर इंदौर भिक्षावृत्ति से मुक्त होने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है। जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने घोषणा की है कि 1 जनवरी, 2025 से शहर में भीख देने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। प्रशासन ने पहले ही शहर में भीख मांगने पर प्रतिबंध लगा दिया है और इस संबंध में जागरूकता अभियान भी चला रहा है।
कलेक्टर ने कहा, "हमारे पास भीख मांगने वाले कई गिरोहों के बारे में जानकारी है और हमने कई लोगों का पुनर्वास भी किया है। लेकिन कुछ लोग बार-बार इस काम में लिप्त होते हैं। इसलिए हमने यह निर्णय लिया है कि भीख देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा देश के 10 शहरों को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए शुरू किए गए पायलट प्रोजेक्ट के तहत इंदौर भी शामिल है। इसी के तहत इंदौर प्रशासन पिछले कुछ समय से भिक्षावृत्ति के खिलाफ अभियान चला रहा है।
हाल ही में, पुलिस और प्रशासन की टीमों ने 14 भिक्षुओं को पकड़ा था और उनके पास से काफी रकम बरामद हुई थी। इंदौर प्रशासन का मानना है कि भीख देना न केवल एक सामाजिक बुराई है बल्कि कई बार यह संगठित अपराध से भी जुड़ा होता है। इसलिए प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे भीख न दें और इस अभियान में प्रशासन का सहयोग करें।