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PM मोदी के विदाई का वक्त आ गया है, कांग्रेस बोली..जनता की मूलभूत समस्याओं को छोड़ रेवड़ियां बांटने में लगे हैं

PATNA: पीएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 508 रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष हर अच्छे काम का विरोध करता है। पीएम मोदी के इस बयान पर पलटवार करते हुए बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि पीएम मोदी के विदाई का समय आ गया है। अब सिर्फ छह महीना ही बचा हुआ है। ऐसे में वे इस बचे हुए समय में रेवड़ियां बांटने का काम कर रहे हैं। मूलभूत समस्याओं पर काम ना करके रोज शिलापट्ट लगवा रहे हैं। रोज किसी ना किसी बहाने न्यूज में बने रहना चाहते हैं। 

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार बिल्कुल विफल साबित हो रही है। लोग अब इस सरकार को मजबुरीवश झेल रही है। इस सरकार में लोग महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त है। कमरतोड़ महंगाई ने लोगों की कमर तोड़कर रख दी है। गरीबों की थाली से दाल और सब्जी गायब हो गया है। 

पीएम मोदी के उस बयान जिसमें उन्होंने कहा कि रोजगार मेले के माध्यम से नौकरियां दी जा रही है। इस पर अखिलेश सिंह का कहना है कि मेरे गांव में 10 साल से किसी को नौकरी नहीं लगी है। रोज हजारों रोजगार युवा हमसे मिलते हैं। कहते हैं कि रोजगार नहीं मिल रहा है। तेरहवीं-चौदहवी पंचवर्षीय योजना चल रही है लेकिन बेरोजगारी बढ़ा है और कमर तोड़ महंगाई है। गरीबों की जीना दुश्वार हो गया है। इसके बावजूद मोदी जी इस तरह की बात करते हैं। अखिलेश ने कहा कि विपक्ष का जो काम है हम बखूबी कर रहे हैं। 

वही मणिपुर की घटना पर अखिलेश ने कहा कि इस घटना से पूरी दुनियां में भारत की प्रतिष्ठा गिरी है। भारत के जमुरियत पर सवाल खड़ा किया है। उसी समुदाय से आने वाले मणिपुर के मुख्यमंत्री हैं। बीजेपी की सरकार है। पीएम मोदी उनको भी नहीं हटाते हैं। घटना लगभग 3 महीने से हो रही है लेकिन आज तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ना अपनी बात लोकसभा कही और ना ही राज्यसभा में कही। 267 के तहत रोज हमलोग नोटिस करते हैं। उसका जवाब भी मोदी जी नहीं देते। 

अखिलेश सिंह ने कहा कि 24 पार्टियां चाहती है कि सरकार मणिपुर मामले पर बहस कराये ताकि देश की जनता के सामने सच्चाई सामने आए। इसलिए विपक्ष सवाल उठाती है। वही जातीय गणना पर कहा कि बीजेपी इसे रोकने की कोशिश कर रही है लेकिन उन्हें इसमें कभी सफलता नहीं मिलेगी। जातीय गणना होकर रहेगी। जातीय गणना के बाद बिहार में जनगणना रिपोर्ट भी प्रकाशित होगी।