First Bihar Jharkhand

Patna To Deoghar : पटना से देवघर की यात्रा अब होगी आसान, 290 करोड़ की नई रेल लाइन से इन जिलों के लोगों को भी फायदा

Patna To Deoghar : पटना से बाबा बैद्यनाथ धाम (देवघर) जाने का सपना अब जल्द हकीकत बनने वाला है। सुल्तानगंज से बांका होते हुए देवघर तक नई रेल लाइन बिछाने की योजना को हरी झंडी मिल गई है। 290 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह 78.08 किलोमीटर लंबी रेल लाइन पटना और देवघर के बीच सीधी कनेक्टिविटी देगी। इससे न सिर्फ श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी, बल्कि आम यात्रियों के लिए भी सफर आसान हो जाएगा। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने हाल ही में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर इस परियोजना को जल्द शुरू करने की माँग की थी। 

पटना से देवघर तक सीधा रास्ता

फिलहाल पटना से देवघर जाने वाले यात्रियों को जसीडीह स्टेशन पर उतरना पड़ता है। वहाँ से सड़क मार्ग से मंदिर तक पहुँचना होता है। खासकर श्रावणी मेले के दौरान, जब लाखों काँवड़िए बाबा बैद्यनाथ के दर्शन के लिए निकलते हैं, तो मेन लाइन की ट्रेनों में भारी भीड़ हो जाती है। नई रेल लाइन बनने के बाद यह परेशानी खत्म होगी। सुल्तानगंज से बांका के रास्ते देवघर तक ट्रेनें चलेंगी, जो पटना जंक्शन से सीधे जुड़ेंगी। इससे यात्रा का समय कम होगा और भीड़ का बोझ भी हल्का पड़ेगा। 

290 करोड़ की परियोजना78 किलोमीटर का सफर

इस रेल लाइन की कुल लंबाई 78.08 किलोमीटर होगी। यह सुल्तानगंज से शुरू होकर बांका, भागलपुर और आसपास के इलाकों को जोड़ते हुए देवघर तक जाएगी। 290 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह परियोजना बिहार और झारखंड के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी। मालदा डिवीजन के अधिकारियों के मुताबिक, कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट से मंजूरी मिलने का इंतजार है। जैसे ही क्लीयरेंस मिलेगा, निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इस रेल लाइन से भागलपुर, मुंगेर, खगड़िया और बांका के लोग भी आसानी से देवघर पहुँच सकेंगे। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ धार्मिक यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि इलाके के विकास को भी रफ्तार देगा।

कब शुरू होगा काम?

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात के बाद कहा, "यह रेल लाइन बिहार के लोगों के लिए बड़ी सौगात होगी। हमने इसे जल्द शुरू करने की माँग की है।" मालदा डिवीजन के अधिकारियों का कहना है कि कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट से मंजूरी मिलते ही काम शुरू हो जाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही जमीन अधिग्रहण और निर्माण की प्रक्रिया तेज होगी। यह रेल लाइन न सिर्फ पटना से देवघर की दूरी को कम करेगी, बल्कि नए ट्रेनों के परिचालन का रास्ता भी खोलेगी।