Bihar Politics: बिहार में बीजेपी के नेता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के राज को जंगलराज बताते हैं. लेकिन ऐसा शर्मनाक वाकया उस दौर में भी नहीं हुआ होगा. बिहार के डिप्टी सीएम, विधानसभा अध्यक्ष, दो-दो मंत्रियों और कई विधायकों की मौजूदगी में भरी सभा में बीजेपी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य ने अधिकारी को मां-बहन की भद्दी भद्दी गालियां दी. सार्वजनिक सभा में एंकरिंग कर रही महिला एंकर से इस तरह बदतमीजी की गयी कि वह रोने लगीं. एक और कर्मचारी को मां-बहन की गालियां दी गयी. मामला पुलिस से लेकर सरकार तक पहुंचा है, लेकिन बीजेपी नेता का रूतबा ऐसा है कि पूरी सरकार नतमस्तक है.
ये घटना इसी 3 अप्रैल की है. कार्यक्रम नगर विकास विभाग का था. राजधानी पटना में हुए इस कार्यक्रम में बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विधानसभा के अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा, पथ निर्माण मंत्री नितीन नवीन समेत कई विधायक शामिल हुए थे. पटना में नगर निगम के नये कार्यालय भवन के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान हुआ वाकया शर्मसार और हैरान कर देने वाला है.
पटना नगर निगम के उप नगर आयुक्त हैं रामाशीष शऱण तिवारी. बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रामाशीष शऱण तिवारी ने पटना के नगर आयुक्त के साथ साथ पुलिस को लिखित आवेदन देकर अपने साथ हुए वाकये की जानकारी दी है. उनके आवेदन के मुताबिक नगर निगम कार्यालय भवन के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान पटना की मेयर के बेटे शिशिर कुमार ने उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां दी. शिशिर कुमार ने उनकी स्वर्गीय मां को भी गालियां दी. बता दें कि शिशिर कुमार बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य भी हैं.
रामाशीष शरण तिवारी ने नगर आय़ुक्त को जानकारी दी है कि उनकी मां का निधन कैंसर से पीड़ित होने के कारण 22 साल पहले हो चुका है. लेकिन अब उन्हें मां की गालियां सुननी पड़ रही है. उप नगर आय़ुक्त ने अपन आवेदन में कहा है कि नगर विकास विभाग के कार्यक्रम के दौरान मेयरपुत्र शिशिर कुमार उनके पास आये और गाली-गलौज से बात करना शुरू कर दिया. शिशिर कुमार ने कहा-तुमने मेरी मां(पटना की मेयर) का भाषण क्यों नहीं तैयार किया. उप नगर आयुक्त ने कहा कि उन्हें मेयर का भाषण तैयार करने की जिम्मेवारी नहीं दी गयी थी. अगर जिम्मेवारी दी जाती तो वे उसे पूरा करते.
उप नगर आयुक्त ने अपनी लिखित शिकायत में कहा है कि इसके बाद शिशिर कुमार ने मेरी मां को गालियां देना शुरू कर दिया. चूंकि कार्यक्रम में कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे. इसे देखते हुए मैंने शिशिर कुमार की गालियों को उस समय चुपचाप सुनकर बर्दाश्त कर लिया. लेकिन कार्यक्रम के बाद इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को दी है. उप नगर आय़ुक्त ने पुलिस के पास भी इस मामले की शिकायत की है.
सत्ता के संरक्षण में बौराये मेयर पुत्र की हरकतें यहीं तक सीमित नहीं रही. कार्यक्रम की एंकरिंग कर रही महिला एंकर ने भी पटना के नगर आय़ुक्त के पास लिखित शिकायत दी है. महिला एंकर ने कहा है कि मेयर पुत्र शिशिर कुमार ने उन्हें मंच के नीचे बुलाया. जब वे मंच से उतर कर शिशिर कुमार के पास पहुंची तो उनके साथ भी बदतमीजी की गयी. फर्स्ट बिहार के पास प्रत्यक्षदर्शियों के बयान हैं, जिसमें वे बता रहे हैं कि शिशिर कुमार की बदतमीजी के बाद महिला एंकर रोने लगीं. इस कार्यक्रम की एकंरिंग पटना नगर निगम में पहले से जनसंपर्क पदाधिकारी के पद पर काम कर रही महिला कर रहीं थीं.
पटना के नगर आयुक्त के पास एक और कर्मचारी ने लिखित शिकायत की है. आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे इस कर्मचारी ने भी कहा है कि मेयरपुत्र ने उन्हं नगर निगम कार्यालय के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान बेहद भद्दी-भद्दी गालियां दीं और नौकरी से निकाल देने की धमकी दी.
नगर विकास विभाग के सूत्र बता रहे हैं कि इस पूरे वाकये की जानकारी नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा को भी दी गयी है. लेकिन मेयरपुत्र सह बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य शिशिर कुमार के खिलाफ कार्रवाई की फाइलें वहीं रूक गयी हैं. बता दें कि काफी पहले ही शिशिर कुमार पर कमीशनखोरी से लेकर भ्रष्टाचार के बेहद गंभीर आरोपों की सरकारी रिपोर्ट नगर विकास के पास भेजी जा चुकी है. लेकिन चर्चा ये है कि पिछले महीने जीवेश मिश्रा के नगर विकास मंत्री बनने के बाद सारी फाइल कोल्ड स्टोरेज में चली गयी हैं. जीवेश मिश्रा के मंत्री बनने के साथ ही शिशिर कुमार के हाथों मिठाई खाने से लेकर उनसे स्वागत कराने की तस्वीरों पर खूब चर्चा हुई थी.
बता दें कि ये सरकारी रिपोर्ट है कि पटना नगर निगम में लूट का खुला खेल चल रहा है. नगर निगम प्रशासन ने साफ साफ कह रखा है कि मेयर सीता साहू के बेटे और बीजेपी नेता शिशिर कुमार ने लूट की सारी हदें पार कर दी हैं. त्रस्त नगर आयुक्त ने नगर विकास विभाग से गुहार लगाई है कि पटना नगर निगम में टेंडर से लेकर एजेंसी चुनने का काम सरकार खुद करे. अगर पटना नगर के जिम्मे ये काम सौंपा गया तो मेयर के बेटे को पैसा वसूलने का मौका मिलेगा.
लेकिन शिशिर कुमार BJP की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य हैं. गंभीर आरोपों के बावजूद वे नगर निगम के हर कार्यक्रम में नजर आ रहे हैं. बीजेपी के आला नेता उन्हें गले लगा रहे हैं. उनके खिलाफ भेजी गयी रिपोर्ट का क्या हुआ, ये सरकार बताने को तैयार नहीं है. सरकार ये भी नहीं बता रही है नगर विकास विभाग और पटना नगर निगम के कार्यक्रमों में शिशिर कुमार किस हैसियत से शामिल हो रहे हैं.
पटना नगर आयुक्त ने पिछले 27 फरवरी को ही पटना नगर निगम में हो रहे खेल की जानकारी राज्य सरकार को दी थी. आय़ुक्त ने कहा था कि उन्हें ये सूचना मिली है कि महापौर पुत्र शिशिर कुमार द्वारा पटना नगर निगम के विभिन्न वेंडर के अवधि का एक्सटेंशन के नाम पर बलपूर्वक राशि की वसूली की जाती है. मेयर के बेटे की डिमांड पूरी होने के बाद ही एक्सटेंशन दिया जाता है. नगर निगम में काम करने वाले कुछ चुने हुए वेंडरों को ही कार्य-विस्तार (एक्सटेंशन) दिया जाता है.
नगर आयुक्त की रिपोर्ट में कहा गया था कि नगर निगम में काम कर रहे वेंडरों को एक्सटेंशन के संबंध में पटना नगर निगम कार्यालय द्वारा सशक्त स्थायी समिति के समक्ष अगस्त माह में ही प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया. रिपोर्ट के मुताबिक मेयर के बेटे ने वेंडरों से अवैध राशि की माँग की थी. लेकिन एजेंसी ने पैसा नहीं दिया तो एक्सटेंशन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया.
नगर आय़ुक्त ने सरकार को बताया था कि पटना नगर निगम का हाल ये है कि पिछले कई महीने से सशक्त स्थायी समिति की बैठक भी नहीं की गई है. निगम के सारे बड़े फैसले यही समिति करती है लेकिन बैठक ही नहीं की जाती. नगर निगम के लिए काम कर रही एजेंसी की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद भी सशक्त स्थाई समिति द्वारा बैठक नहीं किए जाने से सारा काम बाधित होता रहा है.
नगर निगम का हाल ये है कि अहम काम करने के लिए नई एजेंसी का चयन भी नहीं हो पा रहा है. मैनपॉवर और ड्राइविंग एजेंसी का कार्यकाल समाप्त हो गया है. नगर आयुक्त द्वारा सशक्त स्थाई समिति को इस संबंध में फाइल भेजी गई लेकिन इसके बाद भी इसे कार्य सूची में भी शामिल नहीं किया गया.
नगर आयुक्त ने सरकार को साफ साफ रिपोर्ट भेजी थी कि पटना नगर निगम अब से किसी एजेंसी को टेंडर में ही कार्य-अवधि निर्धारित कर दी जाए और एक्सटेंशन की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया जाय. पटना नगर निगम में अवैध वसूली रोकने के लिए एजेंसी के एक्सटेंशन का अधिकार नगर विकास विभाग अपने हाथों में ले ले.
नगर आय़ुक्त की रिपोर्ट में कहा गया था कि नगर निगम में काम कर रही एजेंसी के कर्मियों द्वारा लगातार यह आरोप लगाया गया है कि महापौर पुत्र शिशिर कुमार द्वारा पैसे की मांग की जा रही है. लगातार ये शिकायत मिली है कि शिशिर कुमार अवैध रूप से नगर निगम की गतिविधियों में शामिल रहते है और कार्यालय में निजी स्वार्थ के लिये दवाब बनाते है.
पटना नगर निगम की मेयर सीता साहू और उनके बेटे शिशिर कुमार BJP के नेता हैं. शिशिर कुमार बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य हैं. वे बिहार बीजेपी के कुछ बड़े नेताओं के बेहद करीबी माने जाते रहे हैं. सीता साहू और शिशिर कुमार को लेकर पहले भी गंभीर सवाल उठे हैं लेकिन सत्ता से करीबी होने का लाभ उन्हें मिलता रहा है. अब ऐसी शर्मनाक घटना सामने आयी है. लेकिन बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने चुप्पी साध ली है.