Partho Ghosh Died: बॉलीवुड से एक दुखद खबर आ रही है। हिन्दी सिनेमा के दिग्गज डायरेक्टर पार्थो घोष अब हमारे बीच नहीं रहे। हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया। इस घटना से बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है। हर कोई पार्थो घोष के निधन से दुखी हैं और सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देकर दुख प्रकट कर रहे हैं। बता दें कि 90 के दशक में पार्थो घोष सामाजिक मुद्दों पर फिल्में बनाया करते हैं। उनकी फिल्मों को लोग खूब पसंद करते थे। इस तरह साथ छोड़ कर जाने से उनके फैंस काफी सदमें में हैं।
पार्थो घोष के निधन से बंगाली एक्ट्रेस और प्रोड्यूसर ऋतुपर्णा सेन गुप्ता सदमे में हैं। घटना की पुष्टि करते हुए उन्होंने कहा कि दिल टूट गया है। ऋतुपर्णा सेन गुप्ता ने कहा कि आज हमने एक टैलेंटेड, दूरदर्शी निर्देशक और एक प्यारे इंसान को खो दिया है। उन्होंने कहा कि पार्थो दादा सिनेमा स्क्रीन पर जो आपने मैजिक क्रिएट किया उसके लिए आपको हमेशा याद किया जाएगा।
90 के दशक में उन्होंने माधुरी दीक्षित की फिल्म 100 DAYS और मनीषा कोइराला की मुविज अग्निसाक्षी बनाकर दर्शकों का मन मोह लिया। पार्थो घोष ने 1993 में मिथुन चक्रवर्ती की फिल्म दलाल बनाई जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया था। उनके बनाये गये फिल्में आज भी लोग देखते हैं और फिल्म के डायरेक्टर की तारीफ करते हैं। पार्थो घोष 90 के दशक के बेहतरीन डायरेक्टर्स में शुमार थे. फिल्मों के जरिए वो समाज की सच्चाई को दुनिया के सामने बेहतरीन ढंग से पेश करने में माहिर थे. यही वजह है कि उनकी फिल्में हमेशा दर्शकों के दिलों को छू लेती थीं. उन्होंने कई सामाजिक मुद्दों पर फिल्में बनाई थीं.
पार्थो घोष की आखिरी हिट फिल्म 1997 में आई थी। जिसका नाम 'गुलाम ए मुस्तफा' था। इस फिल्म में नाना पाटेकर और रवीना टंडन ने अभिनय किया था। इसके बाद भी उन्होंने कई फिल्में बनाई लेकिन वो हिट नहीं हो पाई। फिल्म के अलावे उन्होंने कई हिंदी और बांग्ला टीवी शोज को भी निर्देशित किए। अपने आखिरी दिनों में वो '100 डेज' और 'अग्निसाक्षी' जो हिट फिल्म थी उसके सीक्वल पर काम कर रहे थे। लेकिन इससे पहले ही हमेशा-हमेशा के लिए पार्थो दा ने दुनिया को अलविदा कह दिया। पहले तो पार्थो घोष के नहीं रहने की खबर पर किसी को विश्वास नहीं हुआ लेकिन जब प्रोड्यूसर ऋतुपर्णा सेन गुप्ता ने इस घटना की पुष्टि की तब यह बात आग की तरह फैल गयी। इस घटना से ऋतुपर्णा काफी सदमें में हैं वही बॉलीवुड में मातम का माहौल है।