Pariksha Pe Charcha 2025: आगामी बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को ‘परीक्षा पे चर्चा’ के 8वें संस्करण में तीन करोड़ से ज्यादा छात्र-छात्राओं से बात कर रहे हैं और परीक्षा के तनाव को दूर करने के टिप्स दे रहे हैं।
इस दौरान पीएम मोदी ने छात्र-छात्राओं को बताया कि सूर्योदय के बाद पेड़ के नीचे खड़े होकर गहरी सांस लेनी चाहिए। जीवन में कोई भी प्रगति करनी है, उसमें पोषण का खास महत्व है। क्या खाना चाहिए, कब खाना चाहिए, कैसे खाना चाहिए, ये सब काफी महत्वपूर्ण है।
इस दौरान प्रधानमंत्री मे अपनी पढाई के दिनों को याद करते हुए बताया कि उनकी हैंडराइटिंग बहुत अच्छी नहीं थी। उनकी हैंडराइटिंग को सुधारने के लिए शिक्षकों ने काफी मेहनत की थी। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि उनकी हैंडराइटिंग भले ही ठीक नहीं हुई लेकिन उन शिक्षकों की हैंडराइटिंग जरूर ठीक हो गई। पीएम मोदी ने छात्र से कहा कि उन्हें लिखने पर जोर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि चाहे उम्र कोई भी हो हमेशा लिखने की आदत बनाए रखनी चाहिए। छात्र किताबी कीड़ा न बनें लेकिन ज्ञान प्राप्त करने से पीछे भी नहीं हटें। इंसान को हमेशा कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए। पढाई के साथ साथ रिलैक्स होने की भी जरूरत है। अपने माता-पिता के समझाएं कि रोबोट की तरह नहीं जीना है बल्कि हम इंसान हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बच्चों को किताबों में ही बंद कर देंगे तो वो विकास नहीं कर सकते। उन्हें खुला आसमान चाहिए होता है, अपनी पसंद की चीजें करनी चाहिए। हमारे समाज में दुर्भाग्य से ये घुस गया है कि अगर हम स्कूल में इतने नंबर नहीं लाए तो, 10वीं-12वीं में इतने नंबर नहीं लाए तो जिंदगी तबाह हो जाए। इसलिए पूरे घर में तनाव हो जाता है, ऐसे में आपको खुद को तैयार करना है।
पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह से एक क्रिकेटर स्टेडियम में बैठे लोगों के चिल्लाने और चौके-छक्के लगाने की डिमांड की पहवाह किए बगैर अपने तरीके से क्रिकेट खेलता है उसी प्रकार से आपको अपनी पढ़ाई करनी चाहिए। प्रेशर को न लेते हुए अपना ध्यान पढ़ाई पर लगाना चाहिए।