Paresh Rawal: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता परेश रावल ने हाल ही में अपने एक दिए साक्षात्कार में एक हैरान कर देने वाला खुलासा किया है. परेश रावल ने बताया कि फिल्म 'घातक' की शूटिंग के दौरान उनके घुटने में लगी गंभीर चोट को ठीक करने के लिए उन्होंने अजय देवगन के पिता और मशहूर एक्शन डायरेक्टर वीरू देवगन की सलाह पर 15 दिन तक अपना पेशाब पिया. यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन परेश का दावा है कि इस अनोखे इलाज ने उनकी चोट को चमत्कारिक रूप से ठीक कर दिया.
परेश रावल ने बताया कि 1996 में राजकुमार संतोषी की फिल्म 'घातक' की शूटिंग के दौरान उनके घुटने में गंभीर चोट लग गई. एक सीन में उन्हें अभिनेता राकेश पांडे को घसीटना था, और इसके लिए उन्हें फिसलन वाली चप्पलें दी गई थीं. शूटिंग के दौरान वे घुटनों के बल गिर गए, जिससे उनका घुटना बुरी तरह जख्मी हो गया. परेश को तुरंत मुंबई के नानावटी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि चोट को ठीक होने में 2 से 2.5 महीने तक का वक्त लग सकता है. परेश इस बात से डर गए थे, उन्हें लगा कि अब तो उनका करियर गया.
अस्पताल में भर्ती होने के दौरान वीरू देवगन, जो अजय देवगन के पिता और मशहूर एक्शन डायरेक्टर थे, परेश से मिलने आए. वीरू किसी और से मिलने अस्पताल आए थे, लेकिन जब उन्हें पता चला कि परेश भी यहीं भर्ती हैं, तो वे उनसे मिलने पहुंच गए. परेश ने बताया, "वीरू जी ने पूछा, 'क्या हुआ तुझे?' मैंने अपनी चोट के बारे में बताया. तब उन्होंने कहा, 'जो मैं बोलूं, वो करेगा?' मैंने कहा, 'हां, करूंगा।'" इसके बाद वीरू देवगन ने उन्हें सलाह देते हुए कहा, "सुबह उठकर सबसे पहला पेशाब पीना. सारे फाइटर लोग ऐसा करते हैं. इससे कोई तकलीफ नहीं होगी. लेकिन रात को शराब, मटन, और तंबाकू बंद कर दे और नॉर्मल खाना खा."
परेश रावल ने इस सलाह को गंभीरता से लिया, हालांकि शुरू में इसे सुनकर ही हैरान रह गए थे. इस समय को याद करते हो परेश ने आगे बताया, "मैंने सोचा, अगर करना ही है तो पूरी शिद्दत से करूंगा. मैंने खुद को तैयार किया कि इसे एक झटके में नहीं गटकूंगा. मैं इसे बीयर की तरह सिप करके पियूंगा." जिसके बाद इस दिग्गज अभिनेता ने 15 दिन तक हर सुबह अपना पहला पेशाब पिया. उन्होंने इस दौरान शराब, मांस, और तंबाकू से भी परहेज किया. 15 दिन बाद जब डॉक्टरों ने उनका एक्स-रे किया, तो वे हैरान रह गए. एक्स-रे में चोट पर एक सफेद लाइनिंग दिखी, जो हड्डी के ठीक होने का संकेत थी. डॉक्टरों ने कहा, "यह सीमेंटिंग कैसे हो गई?" परेश, जिन्हें 2.5 महीने में ठीक होना था, सिर्फ डेढ़ महीने में अपने काम पर वापस लौट आए।
परेश रावल के इस खुलासे ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है. कुछ लोग इसे अंधविश्वास और बेवकूफी भरा निर्णय बतला रहे हैं जबकि कई यूजर्स ऐसे भी हैं जो मानते हैं कि यह तरीका वाकई में कारगर है. हालांकि डॉक्टर्स का मानना है कि यह सरासर गलत है आउट आपको ऐसा करने के बाद कई तरह के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. वैसे बता दें कि यूरिन थेरेपी, जिसे 'शिवांबु' या 'ऑटो-यूरिन थेरेपी' भी कहा जाता है, प्राचीन आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का हिस्सा रही है. इसके समर्थक दावा करते हैं कि सुबह का पहला मूत्र पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और कई बीमारियां ठीक हो सकती हैं.
सन 1940-50 के दशक में यूरोप और अमेरिका में भी कुछ प्राकृतिक चिकित्सकों ने इसे अपनाया था। जॉन डब्ल्यू. आर्मस्ट्रांग की किताब 'द वॉटर ऑफ लाइफ' में भी यूरिन थेरेपी के फायदों का जिक्र है. हालांकि, आधुनिक चिकित्सा विज्ञान इसे वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं मानता और इनका कहना है कि यह तरीका बेहद जोखिम भरा साबित हो सकता है.