DESK: फर्जी दस्तावेजों पर 10 साल से एक पाकिस्तानी नागरिक भारत में रह रहा था और यहां के सरकारी योजनाओं का लाभ धड़ल्ले से उठा रहा था। पैसे की लालच में एक सीएचसी संचालक ने उसके फर्जी पहचान पत्र को बनवाने में मदद की थी। आखिरकार इस मामला का खुलासा पुलिस ने कर ही लिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
दरअसल मामला उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले का है जहां सुरक्षा एजेंसियों ने एक पाकिस्तानी नागरिक को गिरफ्तार किया है, जो एलटीवी वीजा पर भारत में रह रहा था और पिछले दस वर्षों से फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहा था। इस मामले में एक सीएचसी संचालक और एक अन्य सहयोगी को भी गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने उसके फर्जी पहचान पत्र बनवाने में मदद की थी।
मामला पटहेरवा थाना क्षेत्र के गगलवा चैनपट्टी का है, जहां पर रहने वाले सेराजुल हक नामक व्यक्ति के बारे में गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) की टीम ने छापेमारी की।सेराजुल हक पाकिस्तान का नागरिक है, जो एलटीवी (Long Term Visa) पर भारत में रह रहा था लेकिन अवैध रूप से भारतीय नागरिकों के समान दस्तावेज बनवा लिए थे। इनमें आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड, वोटर आईडी और पैन कार्ड शामिल हैं।
सबसे पहले फर्जी आधार कार्ड सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) संचालक शब्बीर आजम ने बनाया। उसके बाद फर्जी पैन कार्ड स्थानीय चांद अख्तर ने बनवाया। इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर सेराजुल हक केंद्र और राज्य सरकार की सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहा था। पुलिस ने सेराजुल हक के अलावा शब्बीर आजम और चांद अख्तर को भी गिरफ्तार किया है। एसपी कुशीनगर संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि तीनों के खिलाफ विदेशी अधिनियम, नागरिकता अधिनियम, धोखाधड़ी, कूटरचना, व संपत्ति हड़पने के प्रयास जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पूछताछ के दौरान कई और चौंकाने वाली बातें सामने आने की संभावना है। पुलिस अन्य लोगों की भी भूमिका की जांच कर रही है।