Pahalgam Terror Attack: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया. बैसरन घाटी, जिसे 'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से भी जाना जाता है, वहां आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की जान ले ली, जिनमें कई नवविवाहित जोड़े और परिवार शामिल थे. इस दुखद घटना के एक कपल ऐसा भी था जिनकी जान भगवान शिव के आशीर्वाद ने बचा ली.
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के सुदीप्ता दास और उनकी पत्नी अपने हनीमून के लिए कश्मीर की खूबसूरत वादियों में पहुंचे थे. उनकी योजना बैसरन घाटी घूमने की थी, लेकिन भगवान शिव के प्रति आस्था ने उन्हें मौत के मुंह में जाने से बचा लिया. सुदीप्ता ने कहा "हम बैसरन घाटी जाने वाले थे, लेकिन मेरी पत्नी को अचानक लगा कि हमें पहले पास के शिव मंदिर में दर्शन करने चाहिए."
दोनों मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना की. जैसे ही वे मंदिर से बाहर निकले, उनके ड्राइवर ने बताया कि बैसरन घाटी में, जो वहां से सिर्फ एक किलोमीटर ही दूर थी, आतंकी हमला हो गया है. यह सुनते ही दोनों के पैरों टेल से जमीन खिसक गई और उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि वे मौत के मुंह में जाने से बच गए और इसके पीछे साक्षात् भगवान शिव का हाथ था.
इस घटना के बारे में याद कर सुदीप्ता भावुक हो जाते हाँ और कहते हैं "अगर हम मंदिर नहीं गए होते, तो शायद हम आज जिंदा न होते. यह भगवान शिव की ही कृपा थी, जिसने हमें बचा लिया." बताते कहलें कि यह हमला, जिसकी जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट ने ली, कश्मीर में 2008 के मुंबई हमलों के बाद सबसे घातक था. आतंकियों ने पर्यटकों की धार्मिक पहचान पूछकर गोलीबारी की, जिसमें 23 भारतीय, एक कश्मीरी, एक नेपाली, और एक यूएई का पर्यटक मारा गया.
इस कायराना आतंकी हमले में भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी शहीद हो गए, जो अपनी पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून पर थे. इस घटना ने पूरे देश में गुस्से और शोक की लहर पैदा कर दी है. देशवासी आक्रोश से उबल रहे और बदले की मांग कर रहे. इस हमले में कई परिवार अपने प्रियजनों को खो चुके हैं, और उनकी पीड़ा को शब्दों में बयां करना मुश्किल है.