Old Bollywood: भारतीय सिनेमा के महान गायक, अभिनेता, और फिल्म निर्माता किशोर कुमार को उनकी 1964 की फिल्म 'दूर गगन की छाँव में' के लिए नैशनल अवॉर्ड मिलते-मिलते रह गया था। अब उनके बेटे और गायक अमित कुमार ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है कि उनके पिता से अवॉर्ड के बदले सच में रिश्वत मांगी गई थी या नहीं। विकी लालवानी को दिए एक इंटरव्यू में अमित ने बताया कि दिल्ली के किसी मंत्रालय से किशोर कुमार को वाकई में फोन आया था, जिसमें अवॉर्ड के लिए "कुछ करने या देने" की मांग की गई थी।
अमित कुमार के अनुसार, उस समय दूर गगन की छाँव में, हकीकत, और दोस्ती जैसी फिल्में नैशनल अवॉर्ड की दौड़ में थीं। मंत्रालय के एक व्यक्ति ने किशोर कुमार से फोन कर कहा, "अगर आप कुछ करते हैं या देते हैं, तो हम आपको नॉमिनेट कर सकते हैं।" लेकिन किशोर कुमार ने इस मांग को ठुकरा दिया और जवाब में कहा, "मेरी जान के पीछे क्यों पड़े हो? मेरी फिल्म हिट है।" अमित ने बताया कि दूर गगन की छाँव में मुंबई के सुपर सिनेमा में 23 हफ्ते चली थी और दिल्ली व उत्तर प्रदेश में इसे सिल्वर जुबली का तमगा हासिल हुआ था। बाद में एक तमिल फिल्म निर्माता रामू ने इस फिल्म के रीमेक के राइट्स खरीदे, जिसे नैशनल अवॉर्ड मिला था।
दूर गगन की छाँव में किशोर कुमार द्वारा निर्देशित और अभिनीत एक मार्मिक फिल्म थी, जिसमें उन्होंने एक पूर्व सैनिक शंकर की भूमिका निभाई थी, जो अपने गूंगे बेटे के इलाज के लिए संघर्ष करता है। सुप्रिया चौधरी और इफ्तिखार जैसे कलाकारों ने भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं थी। किशोर ने खुद इस फिल्म का संगीत भी दिया था, जिसमें "कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन" और "आ चलके तुझे" जैसे गीत आज भी लोकप्रिय हैं। कम बजट में बनी यह फिल्म, जिसके लिए किशोर ने अपनी माँ के गहने गिरवी रखे थे, बॉक्स ऑफिस पर सफल रही थी, लेकिन नैशनल अवॉर्ड से वंचित रह गई।