NCERT Partition Module: भारत के इतिहास की सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक, 1947 का भारत-पाकिस्तान विभाजन, आज भी हमारी स्मृति में गहरे जख्म छोड़ता है। इस घटना की जटिलताओं और जिम्मेदारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए NCERT ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक नया शैक्षणिक मॉड्यूल जारी किया है।
यह मॉड्यूल कक्षा 6 से 12 के छात्रों के लिए तैयार किया गया है, जिसमें भारत के विभाजन के पीछे की वजहों और जिम्मेदारों को विस्तार से समझाया गया है। इस मॉड्यूल में तीन प्रमुख नामों को विभाजन के लिए मोहम्मद अली जिन्ना, कांग्रेस पार्टी और लॉर्ड माउंटबेटन जिम्मेदार ठहराया गया है।
मोहम्मद अली जिन्ना को पाकिस्तान की मांग के लिए जिम्मेदार माना गया है, जबकि कांग्रेस ने नेहरू और पटेल के नेतृत्व में विभाजन को गृहयुद्ध से बचाव के लिए स्वीकार किया। माउंटबेटन की जल्दबाजी और भारत छोड़ने की प्रक्रिया में त्रुटियों को भी इस विभाजन की प्रमुख वजहों में गिना गया है।
मॉड्यूल में यह भी बताया गया है कि विभाजन पूरी तरह अनिवार्य नहीं था, बल्कि राजनीतिक दबाव, गलत फहमियां और परिस्थितियों का परिणाम था। नेहरू ने इसे ‘खराब परिस्थिति’ होने के बावजूद गृहयुद्ध से बेहतर विकल्प बताया, जबकि महात्मा गांधी ने इसका शांतिपूर्ण विरोध किया।
साथ ही, मॉड्यूल में विभाजन की प्रक्रिया के दौरान रेडक्लिफ लाइन की अधूरी योजना, सीमाओं की अस्पष्टता और माउंटबेटन की जल्दबाजी का भी उल्लेख है, जिसने लाखों लोगों की जिंदगी प्रभावित की और हिंसा को बढ़ावा दिया। एनसीईआरटी का यह मॉड्यूल न केवल इतिहास को एक नए दृष्टिकोण से देखने का मौका देता है, बल्कि आज भी हमारे सामाजिक-राजनीतिक हालात पर विभाजन के प्रभाव को रेखांकित करता है।