Naxal Encounter: झारखंड के लातेहार में पुलिस को नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता मिली है। सोमवार सुबह लातेहार के महुआडांड़ थाना क्षेत्र अंतर्गत दौना और करमखाड़ गांव के बीच जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में 5 लाख रुपये का इनामी नक्सली कमांडर मनीष यादव मारा गया, जबकि 10 लाख रुपये का इनामी कुख्यात नक्सली कुंदन खेरवार को जिंदा गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से दो एक्स.95 ऑटोमैटिक राइफल भी बरामद की हैं।
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि मनीष यादव और कुंदन खेरवार अपने दस्ते के साथ दौना जंगल में डेरा डाले हुए हैं। सूचना मिलते ही पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। पुलिस टीम को देखते ही नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने कार्रवाई की। इस मुठभेड़ में मनीष यादव मारा गया, जबकि कुंदन खेरवार भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन सुरक्षा बलों ने उसे दबोच लिया।
मनीष यादव झारखंड के लातेहार, पलामू, गढ़वा, चतरा जिलों के अलावा बिहार के गया और औरंगाबाद जिलों में भी सक्रिय था। उस पर 50 से अधिक नक्सली हमलों में शामिल होने के आरोप हैं। वह चर्चित कटिया मुठभेड़ (जिसमें एक CRPF जवान के पेट में बम प्लांट किया गया था और 13 जवान शहीद हुए थे) और 2018-19 के गढ़वा पोलपोल नक्सली हमले (जिसमें छह जवान शहीद हुए थे) का भी मुख्य आरोपी रहा है।
इस कार्रवाई से दो दिन पहले ही जेजेएमपी के सुप्रीमो पप्पू लोहार और प्रभात गंजू भी मारे गए थे। इसके बाद लातेहार पुलिस पूरे नेटवर्क को खत्म करने के अभियान में जुटी हुई थी। पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता के निर्देश पर कार्रवाई को अंजाम दिया गया। फिलहाल इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर सर्च ऑपरेशन जारी है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि फरार नक्सलियों की तलाश जारी है और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।