Bullet Train: बुलेट ट्रेन को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। अब इंतजार की घडियां बहुत जल्द खत्म होने वाली है क्योंकि भारत की पहली बुलेट ट्रेन का काम तेजी से चल रहा है। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में एक वीडियो साझा करते हुए बताया कि इस मेगाप्रोजेक्ट के तहत 300 किलोमीटर लंबा वायाडक्ट (Viaduct) बनकर तैयार हो चुका है। साथ ही गुजरात के सूरत के पास 40 मीटर लंबा बॉक्स गर्डर भी सफलतापूर्वक स्थापित किया जा चुका है।
दरअसल, भारत की बहुप्रतीक्षित पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर बनकर तैयार हो गई है। रेल मंत्री के अलावा विभिन्न राज्यों के परिवहन मंत्रियों ने भी इस प्रोजेक्ट से जुड़ी तस्वीरें और प्रगति रिपोर्ट सोशल मीडिया पर साझा की हैं। यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
300 किलोमीटर के वायाडक्ट में से 257.4 किलोमीटर निर्माण ‘फुल स्पैन लॉन्चिंग टेक्नोलॉजी’ से किया गया है, जो पारंपरिक तकनीकों की तुलना में 10 गुना तेज निर्माण की सुविधा देती है। इस तकनीक में इस्तेमाल किए गए स्पैन गर्डर का वजन लगभग 970 टन होता है। इसके अलावा कई नदी पुल, स्टील और पीएससी ब्रिज, और स्टेशन बिल्डिंग्स का निर्माण भी पूरा हो चुका है।
बता दें कि अब तक परियोजना के अंतर्गत 383 किमी पियर्स, 401 किमी फाउंडेशन और 326 किमी गर्डर कास्टिंग पूरी हो चुकी है। गुजरात में 157 किलोमीटर तक ट्रैक बेड भी बिछाया जा चुका है। बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर कुल 12 आधुनिक स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इनमें से सूरत स्टेशन भारत का पहला पूर्णतः विकसित बुलेट ट्रेन स्टेशन होगा, जिसका निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। शेष स्टेशनों का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।
इस हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट में प्रयोग हो रही अधिकतर तकनीक और उपकरण भारत में ही बनाए गए हैं। लॉन्चिंग गैंट्री, ब्रिज गैंट्री, गर्डर ट्रांसपोर्टर जैसे भारी-भरकम मशीनरी भारत में विकसित की गई है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब हाई-स्पीड रेलवे टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। शोर को कम करने के लिए वायाडक्ट के दोनों ओर 3 लाख से अधिक नॉइज़ बैरियर्स लगाए गए हैं, जिससे यात्रियों को एक आरामदायक और शांत यात्रा अनुभव मिल सके।
अगर निर्माण कार्य इसी गति से चलता रहा, तो 2026 तक सूरत से बिलीमोरा के बीच बुलेट ट्रेन का ट्रायल रन शुरू हो सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अगस्त 2026 तक इस रूट पर ट्रेन संचालन की संभावना जताई जा रही है। वहीं 2029 तक इस प्रोजेक्ट के पूरी तरह से चालू होने की उम्मीद है। अगले साल की शुरुआत में जापान से शिंकानसेन बुलेट ट्रेन के कोच भी भारत पहुंच सकते हैं।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की लगातार निगरानी कर रहे हैं और सोशल मीडिया के माध्यम से नियमित अपडेट शेयर कर रहे हैं। उनके मुताबिक, यह न सिर्फ भारत की पहली बुलेट ट्रेन होगी, बल्कि यह देश को गति, तकनीक और आधुनिकता की नई दिशा में ले जाएगी।