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ममता बनर्जी ने महाकुंभ को बताया 'मृत्युकुंभ', योगी सरकार पर लगाये आरोप, भड़के संतों ने बोला-राजनीतिक करियर का होगा अंत

Mamata Banerjee on Mahakumbh: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में महाकुंभ को लेकर विवादित बयान दिया है। ममता बनर्जी ने महाकुंभ को मृत्युकुंभ बता दिया। इसके साथ ही उन्होंने यूपी की योगी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि महाकुंभ में वीआईपी को विशेष सुविधा मिल रही है, जबकि आम लोग परेशान हैं। इस महा आयोजन के लिए सही तरह से प्लानिंग नहीं की गई।

ममता बनर्जी ने कहा कि मैं महाकुंभ का सम्मान करती हूं, मैं पवित्र गंगा मां का सम्मान करती हूं। लेकिन कोई योजना नहीं है, कितने लोग बरामद हुए हैं? अमीरों, वीआईपी लोगों के लिए 1 लाख रुपये तक के कैंप पाने की व्यवस्था है। गरीबों के लिए कुंभ में कोई व्यवस्था नहीं है। मेले में भगदड़ की स्थिति आम है लेकिन व्यवस्था करना महत्वपूर्ण है। आपने क्या योजना बनाई है?

ममता ने कहा, 'आपको इस तरह के बड़े आयोजन की योजना बनानी चाहिए थी। भगदड़ की घटना के बाद कितने आयोग कुंभ भेजे गए। बिना पोस्टमॉर्टम के ही शवों  को बंगाल भेज दिया गया। वे कहेंगे कि लोगों की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई और उन्हें मुआवजा नहीं दिया जाएगा।' उन्होंने कहा, 'आप देश को बांटने के लिए धर्म बेचते हैं। हमने यहां पोस्टमॉर्टम किया क्योंकि आपने बिना डेथ सर्टिफिकेट के शव भेज दिए। इन लोगों को मुआवजा कैसे मिलेगा।' 

ममता ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब सांप्रदायिकता के बारे में बोलना या किसी धर्म के खिलाफ भड़काना नहीं है। आप एक विशेष धर्म को बेच रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा अपने राजनीतिक हितों के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रही है। 

वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा महाकुंभ को "मृत्यु कुम्भ" कहे जाने पर संत समाज ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। संतों ने उनके बयान को सनातन धर्म और महाकुंभ की पवित्रता का अपमान बताया। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने ममता बनर्जी बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह महाकुंभ उनके राजनीतिक करियर के लिए जरूर मृत्यु कुंभ साबित होगा।