Mahakumbh Stampede: प्रयागराज में बीते 29 जनवरी को हुए भगदड़ में कई लोगों की मौत हो गई थी जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे। इस घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर यूपी सरकार पर सवाल खड़े किए गए थे। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हुई। सीजेआई ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है और याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने की सलाह दे दी है। सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की अदालत ने कहा है कि याचिकाकर्ता इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करें। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, जो चिंता का विषय़ है लेकिन हाई कोर्ट जाएं।
उन्होंने कहा कि पहले से ही एक न्यायिक आयोग का गठन किया जा चुका है। जिसके बाद यूपी सरकार के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि घटना की न्यायिक जांच चल रही है। इसी तरह की एक याचिका हाई कोर्ट में दायर की गई है। जिसके बाद सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की पीठ ने याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने की सलाह दी और याचिका को खारिज कर दिया।
बता दें कि मौनी अमावस्या के दिन बीते 29 जनवरी की सुबह अमृतक स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम क्षेत्र में उमड़ी थी। भीड़ त्रिवेणी संगम घाट की तरफ तेजी से बढ़ रही थी। इसी दौरान भगदड़ मच गई थी जिसमें तीस से अधिक लोगों की जान चली गई थी जबकि 60 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए थे। इस घटना को लेकर यूपी सरकार के ऊपर सवाल उठाए जा रहे हैं।