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Land for Job Case: लैंड फॉर जॉब केस में हुई अहम सुनवाई, कोर्ट ने लालू प्रसाद के खिलाफ फैसला सुरक्षित रखा

Land for Job Case: लैंड फॉर जॉब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। दिल्ली स्थित राउज एवेन्यू कोर्ट में आज अहम सुनवाई हुई, जहां स्पेशल जज विशाल गोगने की पीठ ने शुक्रवार को चार्जशीट पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 3 जून निर्धारित की गई है।

इससे पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 9 मई 2025 को इस केस में अभियोजन की मंजूरी प्रदान की थी। यह मंजूरी CRPC की धारा 197(1) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत दी गई थी। ED इस मामले की जांच कर रही है। ईडी ने पिछले साल अगस्त में लालू यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव, और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।

यह कार्रवाई CBI द्वारा दर्ज की गई FIR के आधार पर की गई थी। प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी चार्जशीट में लालू प्रसाद यादव पर कथित रूप से अपनी आय को छुपाने के लिए अपने परिवार और सहयोगियों के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाया था।

इस मामले की सीबीआई और ईडी अलग-अलग जांच कर रहे हैं। सीबीआई का आरोप है कि लालू प्रसाद ने साल 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में नौकरी देने के बदले लोगों से अपने और अपने परिवार के लोगों के नाम पर जमीन और प्रॉपर्टी ट्रांसफर कराई थी।

यह नौकरियां मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर रेलवे जोन में दी गईं थीं। सीबीआई की जांच में यह बात सामने आई कि लालू प्रसाद ने अपने और अपने परिवार के नाम पर बिहार में एक लाख स्क्वायर फीट से अधिक जमीन महज 26 लाख रुपए में हासिल कर ली थी। उस वक्त जमीन की कीमत करीब 4.39 करोड़ रुपए से अधिक थी।