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केंद्रीय सुरक्षाबलों को लेकर जारी हुआ नया फरमान, अब यूनिफॉर्म में वीडियो और रील बनाने पर होगा एक्शन; जानें क्या है वजह

DESK : केंद्रीय सुरक्षाबलों को सोशल मीडिया गाइडलाइन जारी की गई हैं और कहा गया है कि यूनिफॉर्म में वीडियो और रील बनाने से बचें। साथ ही संवेदनशील जगहों के वीडियो ना अपलोड करें। केंद्रीय पुलिस बलों के जवानों को सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर कड़ी हिदायतें दी गई हैं। इसके साथ ही सीआरपीएफ ने अपने जवानों से कहा है कि वे बिना जाने-समझे ऑनलाइन फ्रेंडशिप ना करें। इसके अलावा फोटो अपलोड करने में भी सावधानी बरतें क्योंकि इस तरह से उन्हें हनीट्रैप का शिकार बनाया जा सकता है।

दरअसल, सीआरपीएफ के तरफ से जो लेटर जारी किया गया है उसमें कहा गया है कि बहुत सारे जवान अपने यूनिफॉर्म में वीडियो और फोटो अपलोड करते हैं। इसके अलावा कई लोगों को चैट मेसेज भी भेजते हैं। जसिके बाद केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने अलग-अलग अर्द्धसैनिक बलों और पुलिस फोर्स को लेटर जारी किया है। सीआरपीएफ ने इसी को गंभीरता से लेते हुए अपने जवानों के लिए निर्देश जारी किया है और कहा है कि वे यूनिफॉर्म में अपने वीडियो, फोटो अपलोड ना करें और अनजान लोगों से  ऑनलाइन दोस्ती ना करें। 

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ जवानों को कहा गया है कि सोशल मीडिया को लेकर सख्त हिदायत जारी की जाती है कि यूनीफॉर्म में फोटो और वीडियो अपलोड ना करें साथ ही बिना ठीक से जांचे-परखे किसी को अपने फ्रेंड्स की सूची में शामिल ना करें। अगर इन निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने भी लेटर जारी कर कहा है कि भी गिरफ्तार शख्स या फिर अंडर ट्रायल व्यक्ति से जुड़े कमेंट सोशल मीडिया पर पोस्ट ना करें। इसके अलावा जवान हाइली प्रोटेक्टेड इलाकों में वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर ना अपलोड करें। 


इसमें  यह भी कहा कि ड्यूटी के समय सोशल मीडिया इस्तेमाल नहीं करना है और सोशल मीडिया पर कोई भी संवेदनशील जानकारी नही शेयर करनी है। इसके अलावा अन्य अर्द्धसैनिक बलों ने भी सोशल मीडिया गाइडलाइन जारी की है और सीमा पर तैनात जवानों को रील ना बनाने के लिए कहा है। वहीं आईटीबीपी और बीएसएफ ने अपने जवानों से कहा है कि सीमा के पास के इलाकों में वे वीडियो ना बनाएं। ये मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। 

आपको बताते चलें कि, पिछले कुछ दिनों से जवान को हनीट्रैप में फंसाया गया था। सीआईएसएफ के जवान को हनीट्रैप में फंसाया गया था। पता चला कि वह पाकिस्तान की एक महिला इंटेलिजेंस अधिकारी के साथ संपर्क में था और कई संवेदनशील जानकारियां दे रहा था। पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी कई विभागों के कंट्रोल रूम में खुद को सीनियर अधिकारी बताकर फोन भी कर रहे थे।