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मुंह में मधुमक्खी जाने से गई थी संजय कपूर की जान, जानें... ऐसी हालत में करना चाहिए कौन सा काम?

फिल्म जगत से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। बॉलीवुड एक्ट्रेस करिश्मा कपूर के पूर्व पति संजय कपूर का गुरुवार को इंग्लैंड में आकस्मिक निधन हो गया। वे मात्र 53 वर्ष के थे। सूत्रों के अनुसार, संजय कपूर पोलो मैच के दौरान खेलते समय मधुमक्खी के डंक के शिकार हो गए, जिसके बाद उन्हें अचानक हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई।

दरअसल, संजय कपूर इंग्लैंड में एक निजी पोलो मैच में हिस्सा ले रहे थे। खेल के दौरान एक मधुमक्खी उड़ते हुए उनके मुंह के अंदर चली गई और गले में डंक मार दिया। इससे उन्हें तुरंत सांस लेने में कठिनाई होने लगी। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने उन्हें तुरंत अस्पताल पहुँचाया, लेकिन वहां कुछ ही समय में उन्हें दिल का दौरा पड़ा और डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। इस हादसे ने न सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री, बल्कि खेल और कॉरपोरेट वर्ल्ड से जुड़े लोगों को भी गहरे सदमे में डाल दिया है। साथ ही यह सामाजिक रुप से यह मुद्दा बन गया है कि अगर कोई काम करते या खेलते हुए आपके मुंह में कीड़े-मकौड़े, मधुमक्खी या मच्छर चला जाए, तो क्या करना चाहिए। आइए जानते है कि ऐसी स्थिति में क्या करें? 

इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद यह समझना बेहद जरूरी हो गया है कि अगर किसी के मुंह में मच्छर, मक्खी या मधुमक्खी जैसे कीड़े चले जाएं तो क्या करना चाहिए और क्या नहीं। 

शांत रहेंघबराएं नहीं

अगर मुंह में कोई कीड़ा चला जाए तो सबसे पहले घबराएं नहीं। घबराने से सांस तेज हो सकती है, जिससे कीड़ा सांस की नली में चला सकता है और दम घुटने या फेफड़ों में सूजन की स्थिति बन सकती है।

थूक कर कीड़े को बाहर निकालने की कोशिश करें

यदि कीड़ा मुंह के अंदर है, तो तुरंत थूक कर उसे बाहर निकालें। बार-बार कुल्ला करें और पानी पिएं।

गुनगुने पानी से गरारे करें

गुनगुने पानी में थोड़ा नमक मिलाकर गरारे करने से गले की जलन या सूजन कम हो सकती है और कीड़ा बाहर निकल सकता है।

जोर से खांसें

अगर गले में कुछ फंसा हुआ महसूस हो रहा है तो जोर से खांसना एक नेचुरल रिफ्लेक्स है जो कीड़े को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। अगर डंक लगे तो तत्काल मेडिकल सहायता लें। यदि गले में सूजन, सांस फूलना, घबराहट, या चक्कर आना जैसी स्थिति हो, तो यह संकेत हो सकता है कि कीड़े ने डंक मारा है। ऐसी स्थिति में तुरंत नज़दीकी अस्पताल जाएं। यह एलर्जी या एनाफिलेक्सिस का कारण बन सकता है, जो जानलेवा हो सकता है।

रोकथाम के उपाय के लिए खुली जगह पर खाने, बोलने या हंसते समय मुंह को ढककर रखें। खुले मैदान या पार्क में मधुमक्खी या ततैया के झुंड से दूर रहें। आउटडोर गेम्स या इवेंट्स में मुंह बंद रखने की आदत डालें। मधुमक्खी के डंक से एलर्जी है तो एपिनेफ्रीन ऑटो-इंजेक्टर (EpiPen) साथ रखें। 

संजय कपूर की मौत एक दुर्लभ लेकिन सचेत कर देने वाली घटना है। इससे यह पता चलता है कि सामान्य लगने वाली परिस्थितियाँ भी कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकती हैं। जरूरत है कि हम सतर्क रहें, और ऐसी स्थिति में सही समय पर प्राथमिक उपचार अपनाएं और मेडिकल हेल्प लें। साथ ही खुद का बेहद ख्याल रखें।