झारखंड में कोयला खनन के क्षेत्र में एक नया अध्याय जुड़ गया है। राज्य की पहली कमर्शियल कोयला खदान राजहरा नॉर्थ कोल माइंस में कोयला उत्पादन शुरू हो गया है। राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर और पलामू के सांसद विष्णु दयाल राम ने खदान का उद्घाटन किया। केंद्र सरकार ने इस खदान से सितंबर 2025 तक उत्पादन शुरू करने की शर्त रखी थी, लेकिन फेयर माइन कार्बन प्राइवेट लिमिटेड ने समय से पहले ही जनवरी में उत्पादन शुरू कर दिया।
राजहरा नॉर्थ कोल माइंस में करीब 22 लाख मीट्रिक टन कोयले का भंडार है और इसे 30 वर्षों के लिए फेयर माइन कार्बन प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित किया गया है। खदान के चालू होने से इलाके के 500 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और सैकड़ों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, इस कोयला परियोजना से झारखंड सरकार को करीब 100 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा।
सरकार और कंपनी का विकास पर जोर
उद्घाटन समारोह में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि यह परियोजना इलाके में आर्थिक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि पलामू में बंद पड़ी कोयला खदानों को फिर से शुरू करने के लिए सरकार जल्द ही नई पहल करेगी। वहीं, सांसद विष्णु दयाल राम ने भी अन्य कोयला परियोजनाओं को जल्द शुरू करने की बात कही।
फेयर माइन कार्बन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक समीर लोहिया ने बताया कि कंपनी का लक्ष्य सिर्फ कोयला उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि वह स्थानीय विकास में भी योगदान देगी।
खनन क्षेत्र में विकास की नई उम्मीदें
राजहरा नॉर्थ कोल माइंस का समय से पहले चालू होना न सिर्फ झारखंड के खनन क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि इससे पलामू और आसपास के क्षेत्रों में रोजगार, बुनियादी ढांचे और आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। आने वाले समय में, सरकार की योजना अगर अन्य बंद खदानों को भी चालू करने की होती है, तो इससे राज्य के कोयला उत्पादन और राजस्व में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।