झारखंड में मैट्रिक परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच अब एसआईटी (विशेष जांच दल) करेगी। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने मंजूरी दे दी है। अब यह प्रस्ताव गृह विभाग को भेज दिया गया है और संभावना है कि सोमवार तक इसकी अधिसूचना जारी हो जाएगी।
कोडरमा पुलिस ने शनिवार देर रात मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सिहोडीह स्थित एक कोचिंग संस्थान से तीन छात्रों को हिरासत में लिया। सभी छात्र गिरिडीह जिले के बताए जा रहे हैं और उनसे पूछताछ जारी है। इससे पहले कोडरमा, गिरिडीह, पूर्वी सिंहभूम और गढ़वा जिले में छापेमारी कर कई संदिग्धों को पकड़ा भी गया था। जांच में अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें कोचिंग संचालक, शिक्षक और परीक्षार्थी शामिल हैं।
एसआईटी गठन के बाद सभी जिलों में एक साथ जांच शुरू की जाएगी। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जैक बोर्ड के प्रश्नपत्र कहां और कैसे लीक हुए। पुलिस ने कई आरोपियों के मोबाइल जब्त कर लिए हैं और सोशल मीडिया के जरिए पेपर लीक की संभावना पर भी जांच कर रही है।
झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) को सख्त निर्देश जारी किया है। DEO को परीक्षा के दौरान उपायुक्त (DC) के लगातार संपर्क में रहने को कहा गया है। सोशल मीडिया पर कोई भी संदिग्ध सामग्री दिखने पर जिले के DC और साइबर सेल को तुरंत सूचित करना है। DEO को लगातार परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करने और किसी भी तरह की लापरवाही से बचने का आदेश दिया गया है।
कोडरमा और गिरिडीह जिले के जमुआ इलाके में 21 फरवरी की रात पुलिस ने छापेमारी की, जहां से चार संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। आरोप है कि इन्होंने गिरिडीह के सिहोडीह इलाके में कुछ छात्रों तक प्रश्नपत्र पहुंचाया था। इन चारों को गिरिडीह के नगर थाने में लाया गया और उनसे गहन पूछताछ की जा रही है।
एसआईटी जल्द ही अपनी जांच शुरू कर परीक्षा पेपर लीक के मास्टरमाइंड तक पहुंचेगी। जांच के दायरे में कोचिंग संस्थानों और शिक्षकों की भूमिका भी आ सकती है। यह भी खुलासा होने की संभावना है कि पेपर सोशल मीडिया के जरिए लीक हुआ था या नहीं।