झारखंड में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए राज्य सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं। मुख्य सचिव अलका तिवारी ने सोमवार को हाई पावर कमेटी की बैठक में बताया कि हाल ही में कोलकाता में संपन्न बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट (बीजीबीएस 2025) के बाद झारखंड को 28,306 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इन निवेशों से राज्य में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 17,823 लोगों को रोजगार मिलेगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में उद्योग लगाने के लिए उद्योगपतियों को बेहतर और अनुकूल माहौल उपलब्ध कराना जरूरी है। उन्होंने उद्योग निदेशालय को सिंगल विंडो सिस्टम को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने का निर्देश दिया, ताकि निवेशकों को किसी तरह की परेशानी न हो।
मुख्य सचिव ने झारखंड के संसाधन आधारित उद्योगों पर विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि झारखंड देश का 80 फीसदी तसर पैदा करता है, लेकिन यहां कोकून का मूल्य संवर्धन नहीं हो पाता। अगर कोकून का प्रसंस्करण राज्य में ही हो जाए, तो उसे अधिक कीमत पर बेचा जा सकता है।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार की औद्योगिक नीति और प्रयासों के कारण झारखंड की ओर बड़े निवेशकों का झुकाव बढ़ा है। सिंगल विंडो सिस्टम को बेहतर बनाने से न सिर्फ नए उद्योग लगेंगे, बल्कि पहले से स्थापित उद्योगों को भी नई ऊर्जा मिलेगी।