Jharkhand Cabinet : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई, जिसमें कई अहम नीतिगत और वित्तीय निर्णय लिए गए। बैठक में राज्य के छोटे व्यापारियों, शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
राज्य में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को बढ़ावा देने के लिए एक नया विधेयक पारित किया गया, जिससे स्थानीय कारोबारियों को विशेष छूट और आर्थिक सहायता मिलेगी। साथ ही, सचिवालय सेवा में सहायक प्रशाखा पदाधिकारियों को एक बार की विशेष प्रोन्नति छूट दी गई, जिससे उनके करियर विकास को गति मिलेगी। झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश और विभागीय सिफारिश के तहत छह कर्मचारियों की सेवा को नियमित करने की भी स्वीकृति दी गई।
वित्तीय स्वीकृतियां और शिक्षा क्षेत्र में सुधार
कैबिनेट ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के तीसरे अनुपूरक व्यय विवरणी और वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट प्राक्कलन को मंजूरी दी। साथ ही, झारखंड इकोनॉमिक सर्वे 2024-25 को विधानसभा में पेश करने की अनुमति प्रदान की गई। राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के लिए 3,451 विशेष प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों के पद सृजित किए गए, जिनमें 2,399 पद इंटरमीडिएट और 1,052 पद स्नातक स्तर के होंगे। वहीं, न्याय व्यवस्था को डिजिटल रूप से मजबूत करने के लिए ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के तीसरे चरण को लागू करने के लिए त्रिपक्षीय समझौते (MOU) पर हस्ताक्षर करने की स्वीकृति मिली।
प्रशासनिक कार्रवाई और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
मनिका, लातेहार के पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी को झारखंड सरकारी सेवक नियमावली के तहत सेवा से बर्खास्त करने की मंजूरी दी गई। वहीं, राज्य के सरकारी कर्मचारियों के कार्यों के डिजिटलीकरण के लिए प्रधान महालेखाकार कार्यालय को 50.037 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी गई।
स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए झारखंड कम्युनिटी हेल्थ असिस्टेंट संवर्ग की नई नियमावली बनाई गई, जिससे स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार आएगा। इसके अलावा, बालपहाड़ी सिंचाई योजना के तहत बालपहाड़ी डैम के डाउनस्ट्रीम में बराज के निर्माण को मंजूरी दी गई, जिससे किसानों को सिंचाई में लाभ मिलेगा।
अन्य अहम फैसले
गृह, कारा और आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े भवनों के निर्माण के लिए पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन को स्वीकृति प्रदान की गई। झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में संशोधन कर इसे अधिक प्रभावी बनाया गया। जल संसाधन विभाग के निर्माण कार्यों पर जीएसटी दर को 12% से बढ़ाकर 18% किया गया, जिससे संबंधित देयताओं को मंजूरी मिली। कैबिनेट के ये फैसले राज्य के विकास को गति देने और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से लिए गए हैं।