बिहार के भागलपुर जिले के पीरपैंती और झारखंड के गोड्डा के बीच 62 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए झारखंड सरकार ने 150 एकड़ जमीन रेलवे को हस्तांतरित कर दी है। शनिवार को गोड्डा भू-अर्जन पदाधिकारी ने जमीन के कागजात पूर्व रेलवे के उप मुख्य निर्माण कुमार हेमंत को सौंपे। रेलवे अधिकारियों ने इसे परियोजना की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है।
इस परियोजना पर अनुमानित 1393 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके लिए कुल 420 एकड़ जमीन की आवश्यकता है, जिसमें से 150 एकड़ जमीन अब रेलवे के स्वामित्व में आ गई है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह परियोजना दो चरणों में पूरी होगी। पहले चरण में गोड्डा से महागामा के बीच काम होगा, जबकि दूसरे चरण में महागामा से पीरपैंती तक रेल लाइन बिछाई जाएगी। फिलहाल गोड्डा और पीरपैंती के बीच रेल संपर्क नहीं है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद यात्रियों को यात्रा में बड़ी राहत मिलेगी। इससे न सिर्फ बिहार और झारखंड के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि पूर्वोत्तर से आने वाली ट्रेनें भी इस नई रेल लाइन से सीधे जुड़ जाएंगी।
रेल लाइन के निर्माण के बाद एनटीपीसी फरक्का लालमटिया से कोयला बहुत आसानी से ला सकेगी। अभी तक कहलगांव के रास्ते कोयले की ढुलाई होती है, जिसमें समय और लागत अधिक लगती है। इसके अलावा मिर्जाचौकी, पाकुड़ और साहेबगंज से स्टोन चिप्स की ढुलाई भी आसान हो जाएगी। पीरपैंती में प्रस्तावित पावर प्लांट के लिए यह रेल लाइन काफी उपयोगी साबित होगी। इस परियोजना से स्थानीय उद्योगों को भी लाभ मिलेगा और क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी।
निर्माण विभाग के अधिकारी कई दिनों से इस परियोजना के जमीन हस्तांतरण के काम में लगे थे। गोड्डा के भू-अर्जन पदाधिकारी ने कागजी कार्रवाई पूरी कर पत्र सौंप दिया है। अब जल्द ही इस परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा। इस परियोजना की खबर से स्थानीय लोगों में उत्साह है। वर्षों से इस क्षेत्र के लोग रेल संपर्क की मांग कर रहे थे। पीरपैंती और गोड्डा के व्यापारी और यात्री इस नई रेल लाइन से जुड़ने के लिए उत्सुक हैं।
इस रेल लाइन के जरिए स्थानीय लोगों को पटना, रांची और कोलकाता तक सीधी रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे लोगों का सफर आसान हो जाएगा। हालांकि, इस परियोजना की राह में चुनौतियां भी हैं, क्योंकि अभी बाकी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। लेकिन रेलवे अधिकारियों को उम्मीद है कि राज्य सरकार का सहयोग मिलता रहेगा और परियोजना जल्द ही पूरी हो जाएगी।