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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना! भरभराकर गिरा निर्माणाधीन ‘लाइट हाउस’ का एक हिस्सा, गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल

RANCHI: केंद्र सरकार ने गरीबों को पक्का मकान देने के उद्देश्य से लाइट हाउस परियोजना की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जनवरी 2021 को झारखंड लाइट हाउस परियोजना का शुभारंभ किया था। उस वक्त इस परियोजना को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए थे। योजना के तहत राजधानी रांची में बन रहे 8 तल्ले के भवन का एक हिस्सा गिरने के बाद इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।

दरअसल, झारखंड के गरीब और कमजोर लोगों को अपना पक्का मकान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने झारखंड लाइट हाउस परियोजना की शुरुआत की थी। दावा किया गया था कि गरीबों को भूकंपरोधी और मजबूत घर मिलेगा। धुर्वा थाना क्षेत्र के जगन्नाथपुर में गरीबों के लिए इस आवासीय कॉलोनी का निर्माण हो रहा है। रविवार की देर रात निर्माणाधीन भवन का एक हिस्सा भरभराकर गिर गया। गनीमत रही कि यह घटना रात के वक्त हुई, अगर दिन में यह हादसा हुआ होता तो कई लोगों की जान तक जा सकती थी।

इस आवासीय कॉलोनी का निर्माण 3डी कंस्ट्रक्शन सिस्टम से हो रहा है। पहली बार इस तकनीक से देश के 6 शहरों लखनऊ, राजकोट, इंदौर, चेन्नई, अगरतला और रांची में भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। रांची में लाइट हाउस प्रोजेक्ट का ठेका मेसर्स एसजीसी मैजिक्रीट एलएलपी नामक एजेंसी को दिया गया है। केंद्र सरकार ने इस कंपनी को रांची में 1008 फ्लैट बनाने की जिम्मेदारी दी है। मकान का एक हिस्सा ध्वस्त होने के बाद अब लोग इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं।