First Bihar Jharkhand

JDU MLC और उनके बेटे को ED ने भेजा नोटिस, बालू के अवैध कारोबार मामले में पूछताछ के लिए बुलाया

PATNA: JDU के एमएलसी राधा चरण साह और उनके बेटे कन्हैया को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नोटिस भेजा है। बालू के अवैध कारोबारी के मामले में ईडी ने दोनों को 15 दिनों के अंदर पटना स्थित प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर में उपस्थित होने को कहा है। बालू के अवैध कारोबार में इनकी संलिप्तता की बात सामने आने के बाद दोनों को यह नोटिस भेजा गया है। 

ऐसे में दोनों पिता-पुत्र की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। इन पर बालू माफियाओं के साथ मिलकर बालू के अवैध कारोबार को बढ़ावा देने का आरोप है। इससे पहले राधा चरण साह उर्फ सेठ के कई ठिकानों पर ईडी छापा मार चुकी है। ईडी की रेड से पहले टैक्स चोरी मामले में इनकम टैक्स विभाग की टीम घर पर छापेमारी की थी। बता दें कि फरवरी में जेडीयू के विधान पार्षद राधा चरण साह उर्फ सेठ के कई ठिकानों पर आयकर विभाग की तीन दिनों तक चली रेड में कई अहम खुलासे किये गए थे। आयकर की टीम ने कुल 22 से अधिक ठिकानों पर आयकर छापेमारी की थी। जिसके बाद इनकम टैक्स विभाग की टीम ने बिहटा थाने में एफआईआर दर्ज कराया था। 

मिली जानकारी के अनुसार राधाचरण साह उर्फ सेठ जी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर बालू का सिंडिकेट चलाते हैं। बालू घाट के ठेके दूसरे के नाम पर लेते हैं परंतु इसमें पैसे लगाने से लेकर इन घाटों का प्रबंधन तक का काम ये खुद करते हैं। आयकर विभाग की टीम को बालू घाटों से अवैध खनन तथा काली कमाई के सबूत भी मिले हैं। बताया जा रहा है कि, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच में यह बात सामने आई थी कि राधाचरण साह उर्फ सेठ जी बालू की कमाई को होटल में लगाते थे। आरा के रीगल होटल रीगल रिसोर्ट से लेकर मनाली के माईस्टिक ग्राउंड रिसोर्ट और हरिद्वार के होटल एवं रिसोर्ट तक में यह अपनी बालू की  काली कमाई को लगाते थे। 

इसके अलावा कई टेस्ट भी इन्होंने बना रखा था जिसके माध्यम से कई अस्पतालों और स्कूलों का संचालन किया जाता था। राधाचरण और इनके सहयोगी लोगों को कैश में लोन देने का भी धंधा करते हैं। खासकर ये व्यापारियों को इस तरह से लोन देते थे। इसके बदले में मोटा ब्याज वसूलते थे। समय पर पैसे नहीं देने वालों की संपत्ति हड़प लेते थे। इनके पास से ऐसे कई दस्तावेज और संपत्ति के कागजात मिले हैं, जो किसी दूसरे के नाम पर हैं। जांच के बाद यह हकीकत सामने आयी थी। 

अवैध बालू खनन के मामले में ईडी की टीम ने बीते 6 जून को पटना, धनबाद, हजारीबाग और कोलकाता में एकसाथ 27 जगहों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी मैसर्स ब्रॉडसन कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स आदित्य मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स और अन्य सहयोगियों के ठिकाने पर हुई थी। इस छापेमारी के दौरान ईडी ने करोड़ों रुपए की संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों को जब्त किया था।

ईडी के मुताबिक, 6 जून को अवैध खनन मामले को लेकर हुई छापेमारी के दौरान डेढ़ करोड़ कैश, 11 करोड़ के संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इसके साथ ही बैंक में जमा 6 करोड़ रूपए और 60 बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है। रेड के दौरान बरामद कागजात और अन्य सामग्री को भी जब्त किया गया।

दरअसल, अवैध बालू खनन को लेकर बिहार पुलिस की तरफ से दर्ज कराए गए विभिन्न मामलों में ईडी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है। खनन विभाग की शिकायत पर मैसर्स ब्रॉडसन कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स आदित्य मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड और उनके निदेशकों के खिलाफ विभागीय प्री-पेड परिवहन ई-परिवहन का उपयोग किए बिना अवैध रेत खनन और इसकी बिक्री को लेकर केस दर्ज है।

बता दें कि अवैध खनन के कारण बिहार सरकार को करीब 250 करोड़ रुपये के राजस्व की क्षति हुई है। ब्रॉडसन और आदित्य मल्टीकॉम से जुड़े बबन सिंह, पुंज सिंह, मिथिलेश सिंह, सुरेंद्र जिंदल, अशोक कुमार, MLC राधाचरण साह और सुभाष यादव बॉडसन के डायरेक्टर रहे हैं जबकि जगनारायण सिंह और सतीश कुमार सिंह आदित्य मल्टीकॉम के डायरेक्टर हैं। ब्रॉडसन और आदित्य मल्टीकॉम बिहार के विभिन्न जिलों में बालू खनन का काम करती हैं।