Innovative farming: आजकल अधिकतर युवा मल्टीनेशनल कंपनियों में मोटी सैलरी वाली नौकरी का सपना देखते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के विनीत पटले ने अपने गांव लौटकर खेती को ही अपना करियर बना लिया। विनीत की यह राह आसान नहीं थी, लेकिन आज वे मिसाल बन चुके हैं।
अरंडिया गांव के रहने वाले विनीत पटले ने इंदौर से बीटेक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने एक मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर इंजीनियर सालाना 8 लाख रुपये के पैकेज पर नौकरी शुरू की। लेकिन कोविड महामारी के दौरान जब वे गांव लौटे, तो उनके मन में खेती को लेकर नया सपना जागा।
परिवार से मिली प्रेरणा, खुद की बनाई राह
विनीत के परिवार में पहले से ही पारंपरिक खेती होती थी। रायपुर में नौकरी के दौरान उन्होंने आधुनिक सब्जी उत्पादन के तरीके देखे, किसानों से बात की, और यहीं से उन्होंने ठान लिया कि अब किसानी ही उनकी मंज़िल होगी।
फर्टिगेशन और ड्रिप सिस्टम से उगाई जाती हैं सब्जियां
विनीत ने खेती को एक नया आयाम दिया। उन्होंने फर्टिगेशन तकनीक और ड्रिप इरिगेशन सिस्टम को अपनाया, जिससे उत्पादन और मुनाफा दोनों बढ़ा। लगभग 20 लाख रुपये की लागत से उन्होंने खेतों में ड्रिप सिस्टम लगवाया है, जिससे पानी और खाद की बर्बादी नहीं होती।
6एकड़ में होती है खेती, 18 लाख की कमाई
शुरुआत 2 एकड़ से हुई, लेकिन अब विनीत 6 एकड़ ज़मीन पर बैंगन, गोभी, कद्दू, लौकी, मिर्च, ककड़ी और करेला जैसी सब्जियों की खेती करते हैं। उनकी एक एकड़ से करीब 3 लाख रुपये की सालाना कमाई होती है। इस हिसाब से उनकी सालाना इनकम करीब 18 लाख रुपये तक पहुंच चुकी है।
25 लोगों को दिया रोजगार
सिर्फ खुद ही नहीं, विनीत ने अपने साथ 25 ग्रामीणों को भी रोजगार दिया है। अब वे सिर्फ किसान नहीं, बल्कि एक सफल मॉडर्न किसान हैं। आसपास के गांवों के किसान उनसे आधुनिक खेती के गुर सीखने आते हैं|आधुनिक तकनीक, मेहनत और सच्ची लगन के दम पर वे खेती को एक फायदे का सौदा बना चुके हैं। विनीत पटले की कहानी आज के युवाओं को यह सिखाती है कि जुनून और नए विचारों से कोई भी राह बनाई जा सकती है .फिर चाहे वह खेती हो या कॉरपोरेट जॉब ।