Raja Raghuvanshi murder: इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या की गुत्थी अब धीरे-धीरे सुलझ रही है। पुलिस के अनुसार इस सनसनीखेज कांड की मास्टरमाइंड उनकी 25 वर्षीय पत्नी सोनम रघुवंशी हैं। भोली-भाली दिखने वाली सोनम ने अपने पति की हत्या की ऐसी चालाकी से योजना बनाई और अंजाम दिया कि तीन राज्यों की पुलिस को 17 दिनों तक चकमा देती रही।
फिलहाल सोनम शिलांग पुलिस की रिमांड में है, जहां उसकी साजिश की परतें खुल रही हैं, लेकिन इस मामले का एक बड़ा रहस्य अभी भी बरकरार है। ‘छठा किरदार’ कौन है, जिसने सोनम की इस खौफनाक योजना में मदद की?
सोनम का पारिवारिक और सामाजिक बैकग्राउंड सामान्य है। मिडिल क्लास परिवार से आने वाली सोनम पढ़ाई में औसत रही और ग्रेजुएशन के बाद परिवार के बिजनेस से जुड़ गई। परिवार और दोस्तों का मानना था कि सोनम की सोच में हत्या जैसी साजिश नहीं हो सकती, क्योंकि उसका अपराध से कोई लेना-देना नहीं था।
लेकिन पुलिस की जांच से पता चला है कि हत्या की योजना किसी प्रोफेशनल अपराधी की तरह सोची-समझी थी। हत्या के दिन, सोनम और राजा हनीमून ट्रिप पर गए थे, लेकिन वह ट्रिप हत्या का अड्डा साबित हुआ। सोनम ने राजा को खाई में धक्का देकर मार डाला और हत्या को लूटपाट का रंग देने के लिए उसके गहने, पर्स और मोबाइल छुपा दिए।
पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि सोनम और इंदौर के राज कुशवाहा के बीच प्रेम प्रसंग था। मेघालय पुलिस ने दावा किया है कि सोनम शादी के बाद भी राज से संबंध बनाए रखे हुए थी, और उसने राजा को रास्ते से हटाने की साजिश शुरू कर दी थी। 21 मई को आरोपी गुवाहाटी पहुंचे, सोनम 22 मई को शिलांग पहुंची और 23 मई को हत्या को अंजाम दिया। हत्या के बाद सोनम 23 मई को गुवाहाटी से ट्रेन से इंदौर पहुंची, जहां वह राज से मिली।
राज कुशवाहा ने सोनम को एक दिन के लिए किराए के कमरे में ठहराया और फिर एक ड्राइवर ने सोनम को उत्तर प्रदेश के वाराणसी तक छोड़ दिया। हत्या के बाद दोनों के बीच लगातार संपर्क रहा। शुरुआत में पुलिस ने मामले को लूटपाट का मामला समझकर जांच शुरू की थी, लेकिन सोनम की कॉल डिटेल्स की जांच के बाद सब कुछ बदल गया। पुलिस को सोनम और राज के बीच लगातार बातचीत के अहम सबूत मिले, जिससे पूरी साजिश सामने आ गई।
सोशल मीडिया पर हत्या के बाद सोनम द्वारा पोस्ट किया गया संदेश “सात जन्मों का साथ है” ने शक को पुख्ता कर दिया। मेघालय पुलिस ने राज कुशवाहा को इंदौर से गिरफ्तार किया। साथ ही इंदौर से विशाल उर्फ विक्की ठाकुर, यूपी के ललितपुर से आकाश राजपूत और मध्य प्रदेश के बीना से आनंद को भी गिरफ्तार किया गया। सोनम ने गाजीपुर में सरेंडर किया।
शिलांग पुलिस ने सभी आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर मेघालय लाया, जहां उनसे कड़ी पूछताछ की जा रही है। सोनम ने शुरू में अपहरण की झूठी कहानी गढ़ने की कोशिश की, लेकिन जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और सबूत दिखाए तो वह टूट गई और कबूल किया कि उसने राजा की हत्या करवाई।
वहीं पुलिस जांच में हत्या के समय सोनम की खून लगी जैकेट, किराए के कातिलों के सीसीटीवी फुटेज, हत्या से पहले और बाद में सोनम का अपने सास से संपर्क, लोकल गाइड की रिपोर्ट जैसे कई सबुत मिले है, जिसमें तीन संदिग्धों को राजा-सोनम के आसपास देखा गया। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि सोनम इंदौर से गाजीपुर कैसे पहुंची और किसकी मदद से। शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि किसी करीबी ने उसे गाजीपुर तक पहुंचाया।
पुलिस आरोपियों को कोर्ट में पेश कर चुकी है और उन्हें आठ दिन की रिमांड पर लिया गया है। इस दौरान पुलिस आरोपियों से पूरे मामले की गहराई में पूछताछ करेगी और क्राइम सीन को रिक्रिएट करके कड़ियों को जोड़ेगी। मेघालय पुलिस 'ऑपरेशन हनीमून' के तहत सोनम को जल्द ही उसके गृहनगर इंदौर वापस लेकर आने की योजना बना रही है, जहां हत्या की साजिश रची गई थी।
यह हत्या कांड एक साधारण घरेलू विवाद से कहीं अधिक गहरा और जटिल है, जिसमें प्रेम प्रसंग, शातिर साजिश, और कई गुप्त किरदार शामिल हैं। पुलिस की कड़ी मेहनत से अब धीरे-धीरे सच्चाई उजागर हो रही है, लेकिन ‘छठा किरदार’ और कुछ और रहस्यों का पर्दाफाश अभी बाकी है।