India Pakistan: 8 मई 2025 को भारत ने पाकिस्तान की आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब देते हुए जम्मू, पठानकोट, और उधमपुर में उसके मिसाइल और ड्रोन हमलों को नाकाम कर दिया। भारतीय वायु रक्षा प्रणाली S-400 ने त्वरित कार्रवाई कर हमले विफल किए, जबकि वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को मार गिराया। थलसेना और नौसेना ने भी आक्रामक अभियान शुरू किए, जिसमें INS विक्रांत अरब सागर में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह भारत की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई है, जिसने 7 मई को पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था। इन सब से पाकिस्तान को इतना नुकसान हुआ है जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस बेशर्म देश ने अब कर्जे के लिए अन्य देशों के सामने हाथ फैला दिया है।
पाकिस्तान में भारत की जवाबी कार्रवाई से हाहाकार मच गया है। लाहौर, रावलपिंडी और कराची जैसे शहरों में आपातकाल जैसे हालात हैं, और देशभर में लॉकडाउन लागू कर नागरिकों से घरों में रहने को कहा गया है। पाकिस्तानी सेना और सरकार के पास इस संकट से निपटने की कोई ठोस योजना नहीं दिख रही।
पाकिस्तान की $350 बिलियन की अर्थव्यवस्था पहले से चरमराई हुई थी, और अब भारत के सैन्य दबाव ने इसे और गहरे संकट में धकेल दिया है। भारत ने कूटनीतिक मोर्चे पर भी पाकिस्तान को घेर लिया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका, फ्रांस, जापान और अन्य देशों के मंत्रियों से बातचीत कर भारत की आतंकवाद-विरोधी नीति को स्पष्ट किया। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ चर्चा में जयशंकर ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति साझा की है।
भारत की यह कूटनीति अंतरराष्ट्रीय समुदाय में उसके पक्ष को मजबूत कर रही है, जबकि पाकिस्तान अलग-थलग पड़ रहा है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अब पूरी तरह लड़खड़ा गई है। भारत के सैन्य और आर्थिक दबाव के बीच इस्लामाबाद अंतरराष्ट्रीय मदद के लिए गिड़गिड़ा रहा है। पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के विभाग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, “दुश्मन के हमलों से भारी नुकसान हुआ। हम अतिरिक्त ऋण के लिए वैश्विक समुदाय से अपील करते हैं।”
पाकिस्तान 9 मई को IMF से $1.3 बिलियन की सहायता पाने वाला था, लेकिन भारत ने इसका विरोध किया है, यह आरोप लगाते हुए कि पाकिस्तान ऐसी मदद का दुरुपयोग आतंकवाद और सैन्य गतिविधियों के लिए करता है। अगर सब कुछ सही रहता तो शायद IMF से यह लोन पाकिस्तान को मिल भी जाता मगर अभी जिस तरह की हरकतें इस देश द्वारा हाल ही के दिनों में की गई है उससे अब यह लोन मिल पाना असंभव सा प्रतीत होता है।