Earthquake in Myanmar: म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें 1000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 2000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इस संकट की घड़ी में भारत ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है और राहत एवं बचाव कार्यों के लिए अपनी एनडीआरएफ टीम को रवाना कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आपदा पर गंभीरता दिखाते हुए त्वरित कार्रवाई की है। शुक्रवार को आए इस भयंकर भूकंप ने म्यांमार को बुरी तरह प्रभावित किया है। भारत ने आपदा राहत अभियान के तहत 80 सदस्यीय एनडीआरएफ टीम को रवाना किया है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और बताया कि इस राहत अभियान को ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ नाम दिया गया है। भारत इस अभियान के तहत पहले ही म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेज चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार की सेना के नेतृत्व वाली सरकार के प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग से फोन पर बात कर इस भीषण आपदा में भारत की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत एक करीबी मित्र और पड़ोसी देश के रूप में इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ खड़ा है। राहत कार्यों के साथ ही घायलों की देखभाल के लिए भारतीय सेना ने भी कदम उठाया है। 118 सदस्यीय मेडिकल टास्क फोर्स को मांडले के लिए रवाना किया गया है, जो वहां पर प्राथमिक चिकित्सा और आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं प्रदान करेगी। भारतीय सेना इस आपदा में घायल हुए लोगों को तत्काल देखभाल देने के लिए 60-बेड का मेडिकल ट्रीटमेंट सेंटर स्थापित करेगी, जहां घायलों को उचित उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।
राहत सामग्री भारतीय वायुसेना के सी130जे सैन्य परिवहन विमान के जरिए यांगून भेजी गई है। इससे पहले भी भारत ने 2015 में नेपाल और 2023 में तुर्की में आए भूकंप के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारत ने हमेशा ही आपदा के समय अपने पड़ोसी देशों की सहायता की है और इस बार भी ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत म्यांमार को हरसंभव राहत पहुंचाई जा रही है। भारतीय सेना और एनडीआरएफ की टीमें राहत और पुनर्वास कार्यों में जुटी हुई हैं, ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द सहायता मिल सके और स्थिति सामान्य हो सके।