India: भारत ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा तो हासिल कर ही लिया है मगर अब तीसरे पायदान पर जाने के लिए भी हमें ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने शनिवार, 24 मई 2025 को नीति आयोग शासी परिषद की 10वीं बैठक के बाद यह घोषणा की। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के आंकड़ों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था अब 4.187 ट्रिलियन डॉलर की हो गई है, जो जापान की 4.186 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था से थोड़ा अधिक है। इस उपलब्धि के साथ, भारत ने वैश्विक आर्थिक रैंकिंग में एक और कदम आगे बढ़ाया है, और अब केवल अमेरिका, चीन, और जर्मनी ही भारत से बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं।
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा, “आज हम 4,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था हैं। केवल अमेरिका, चीन, और जर्मनी ही हमसे बड़े हैं। अगर हम अपनी नीतियों और योजनाओं पर कायम रहे, तो अगले ढाई से तीन साल में हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।” IMF के अनुसार, भारत 2028 तक जर्मनी को पछाड़कर तीसरे स्थान पर पहुंच सकता है, जब भारत की जीडीपी 5.584 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
भारत की इस उपलब्धि के पीछे उसकी 6.2% की जीडीपी वृद्धि दर है, जो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। IMF ने भारत को 2025 और 2026 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बताया है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती खपत और निजी उपभोग से प्रेरित है। इसके विपरीत, जापान की अर्थव्यवस्था केवल 0.6% की वृद्धि दर के साथ स्थिर बनी हुई है, जिसका कारण उसकी बूढ़ी होती जनसंख्या, कम होती कार्यशक्ति, और अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ जैसे बाहरी दबाव हैं।
हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.8% रहने की संभावना है। इस वृद्धि का श्रेय कृषि, होटल, परिवहन, और निर्माण जैसे क्षेत्रों के मजबूत प्रदर्शन को जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती खपत ने अर्थव्यवस्था को और मजबूती दी है, हालांकि शहरी क्षेत्रों में मांग मिली-जुली रही है।
सुब्रह्मण्यम ने बताया कि वैश्विक आर्थिक माहौल भारत के लिए अनुकूल है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ और विनिर्माण पर दिए गए बयानों, विशेष रूप से एपल के आईफोन उत्पादन को अमेरिका में स्थानांतरित करने की बात, पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, “टैरिफ दरें अभी अनिश्चित हैं, लेकिन भारत सस्ते और प्रतिस्पर्धी विनिर्माण के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन रहा है।” भारत की युवा आबादी, बढ़ता मध्यम वर्ग, और संरचनात्मक सुधार वैश्विक निवेशकों के लिए इसे और आकर्षक बना रहे हैं।