IND vs ENG: लीड्स में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम की फील्डिंग ने कई मौकों पर निराश किया है। इंग्लैंड की पहली पारी में भारतीय खिलाड़ियों ने कुल छह कैच छोड़े, जिनमें से चार कैच तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की गेंदों पर ड्रॉप हुए थे। भारत ने पहली पारी में 471 रन बनाए थे, जबकि इंग्लैंड 465 रनों पर सिमट गया। तीसरे दिन के खेल खत्म होने तक भारत ने दूसरी पारी में दो विकेट पर 90 रन बनाकर 96 रनों की बढ़त हासिल कर ली है। अब जाकर जसप्रीत बुमराह ने खराब फील्डिंग पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि कैच छूटने पर ज्यादा देर तक निराश होने से बेहतर है कि टीम इसे भूलकर खेल में आगे बढ़े।
ज्ञात हो कि बुमराह ने इंग्लैंड की पहली पारी में 24.4 ओवर में गेंदबाजी से 5/83 का शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन उनकी गेंदों पर कई अहम कैच छूटे। यशस्वी जायसवाल ने बेन डकेट, ओली पोप और हैरी ब्रूक के कैच ड्रॉप किए। इसके अलावा बुमराह ने ब्रूक को शून्य पर आउट किया था, लेकिन वह डिलीवरी नो-बॉल करार दी गई थी। इन गलतियों के बावजूद बुमराह ने अपनी टीम का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि नए खिलाड़ियों के लिए इंग्लैंड की परिस्थितियों में गेंद को देखना मुश्किल हो सकता है और कैच छोड़ना भी खेल का हिस्सा है।
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बुमराह ने खुलकर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि “कैच छूटने पर एक सेकंड के लिए निराशा होती है, लेकिन आप बैठकर इसके लिए रो नहीं सकते। आपको खेल में आगे बढ़ना होगा। मैं इसे दिमाग में ज्यादा देर तक नहीं रखता और भूल जाता हूं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि कोई भी जानबूझकर कैच नहीं छोड़ता है और युवा खिलाड़ी आगे इससे सीख लेंगे। बुमराह ने साफ किया है कि वह अपनी टीम पर अतिरिक्त दबाव नहीं डालना चाहते और न ही इस मुद्दे का तमाशा बनाना चाहते हैं।
बुमराह की इस सकारात्मक सोच ने भारतीय ड्रेसिंग रूम में उत्साह को बनाए रखा है। भारत की दूसरी पारी में अभी आठ विकेट बाकी हैं और टीम के पास बढ़त को और मजबूत करने का मौका है। बुमराह का यह बयान युवा खिलाड़ियों को गलतियों से सीखने और दबाव में बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा देता है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या आगे मैच में भारत अपनी फील्डिंग में सुधार कर इंग्लैंड को कम स्कोर पर रोक पाएगा या नहीं।