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IND vs ENG: भारत-इंग्लैंड सीरीज के बाद 3 खिलाड़ियों का करियर खत्म? बचने का बस एक उपाय

IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला 20 जून 2025 को लीड्स के हेडिंग्ले में खेला गया। जहां भारतीय टीम को 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ इंग्लैंड ने सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है। अब दूसरा टेस्ट 2 जुलाई से एजबेस्टन में शुरू होगा। पहले टेस्ट में कुछ खिलाड़ियों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जिससे उनके करियर पर संन्यास का खतरा मंडरा रहा है। खास तौर पर करुण नायर, शार्दुल ठाकुर और रवींद्र जडेजा पर अगले मैचों में बेहतर प्रदर्शन का भारी दबाव है।

इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे दौरे भारतीय क्रिकेटरों के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण रहे हैं, जहां खराब प्रदर्शन के बाद राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, आरपी सिंह, रविचंद्रन अश्विन, रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गजों को या तो संन्यास लेना पड़ा या टीम से बाहर होना पड़ा। अब इन तीन खिलाड़ियों के सामने भी ऐसा ही संकट है।

करुण नायर

33 वर्षीय करुण नायर ने 2017 के बाद टेस्ट टीम में वापसी की, लेकिन लीड्स टेस्ट में वह उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। पहली पारी में वह शून्य पर आउट हुए, जबकि दूसरी पारी में सिर्फ 20 रन बना सके। डोमेस्टिक क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बाद मिले इस मौके को भुनाने में नाकाम रहे नायर पर अब भारी दबाव है। भारतीय टीम को मिडिल ऑर्डर में अनुभवी बल्लेबाज की जरूरत थी, लेकिन नायर का खराब प्रदर्शन उनके लिए चिंता का विषय है। अगर अगले टेस्ट में भी उनका बल्ला नहीं चला, तो चयनकर्ता अभिमन्यु ईस्वरन जैसे युवा खिलाड़ियों को मौका दे सकते हैं, जिससे नायर का टेस्ट करियर खत्म हो सकता है।

शार्दुल ठाकुर

33 वर्षीय ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर को दो साल बाद टेस्ट टीम में जगह मिली थी। डोमेस्टिक क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के दम पर इंग्लैंड दौरे के लिए चुने गए शार्दुल लीड्स टेस्ट में प्रभाव नहीं छोड़ सके। बल्लेबाजी में उन्होंने पहली पारी में 1 और दूसरी में 4 रन बनाए। गेंदबाजी में दूसरी पारी में दो विकेट जरूर लिए, लेकिन उनका प्रदर्शन औसत रहा। अक्टूबर 2025 में 34 साल के होने वाले शार्दुल के लिए यह दौरा करो या मरो जैसा है। अगर वह बचे हुए टेस्ट में बल्ले और गेंद से योगदान नहीं दे पाए, तो नितीश कुमार रेड्डी जैसे युवा ऑलराउंडर उनकी जगह ले सकते हैं।

रवींद्र जडेजा

36 वर्षीय रवींद्र जडेजा विश्व के नंबर-1 टेस्ट ऑलराउंडर रह चुके हैं। वो लीड्स टेस्ट में बल्ले और गेंद दोनों से नाकाम रहे। उन्होंने पहली पारी में 11 और दूसरी में नाबाद 25 रन बनाए, जबकि गेंदबाजी में दोनों पारियों में सिर्फ एक विकेट ले सके। हाल ही में 36 साल की उम्र में विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया और अब जडेजा पर भी उम्र और फॉर्म का दबाव बढ़ रहा है। भारतीय टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ता अब शुभमन गिल की कप्तानी में युवा खिलाड़ियों पर ध्यान दे रहे हैं। जडेजा ने 80 टेस्ट में 3370 रन और 323 विकेट लिए हैं, लेकिन हाल के प्रदर्शन ने उनके भविष्य पर सवाल खड़े किए हैं। अगर बचे हुए चार टेस्ट में वह प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर पाए, तो वॉशिंगटन सुंदर या अक्षर पटेल जैसे युवा स्पिन ऑलराउंडर उनकी जगह ले सकते हैं और जडेजा को संन्यास के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।